उत्तराखंड | देहरादून – 29 जुलाई 2025
उत्तराखंड की बेटी और सपा सांसद डिंपल यादव को लेकर टीवी डिबेट में की गई अश्लील टिप्पणी पर बवाल गहराता जा रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने इस बयान को “समूची मातृशक्ति का अपमान” करार देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है।
भाजपा का तीखा हमला
महेंद्र भट्ट ने कहा –
“मौलाना के शब्द सिर्फ एक महिला सांसद नहीं, बल्कि हर महिला का अपमान हैं। उत्तराखंड की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।”
भट्ट का इशारा था टीवी डिबेट में ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी की उस टिप्पणी की ओर, जिसमें उन्होंने संसद परिसर में सपा सांसद डिंपल यादव की वेशभूषा को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
टीवी डिबेट से उठे विवाद की जड़
टीवी चैनल की लाइव बहस के दौरान मौलाना साजिद रशीदी ने डिंपल यादव के पहनावे को लेकर अशालीन और आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया। ये टिप्पणियां सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं और विरोध की लहर तेज हो गई।
महेंद्र भट्ट की मांगें –
- मौलाना सार्वजनिक रूप से माफी मांगें
- सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ें
- महिलाओं के प्रति इस तरह की भाषा को कानूनी अपराध की श्रेणी में माना जाए
भट्ट ने कहा –
“राजनीतिक लाभ के लिए अखिलेश यादव मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने की होड़ में इतने संवेदनहीन हो गए हैं कि अपनी ही पत्नी के अपमान पर भी चुप हैं।”
भाजपा ने उठाए सख्त सवाल
भाजपा ने मौलाना रशीदी की टिप्पणी को “संसद की गरिमा के खिलाफ और समाज में महिला विरोधी मानसिकता को उजागर करने वाला” बताया है। पार्टी ने यह भी सवाल उठाया कि क्या सपा जैसी बड़ी पार्टी ऐसे बयानों को अनदेखा कर मौन समर्थन दे रही है?
महिलाओं की गरिमा पर हमला?
महेंद्र भट्ट ने कहा कि केवल डिंपल यादव नहीं, कोई भी महिला इस तरह की टिप्पणी की हकदार नहीं है। इस प्रकार की सोच महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता के खिलाफ है।
क्या कहता है उत्तराखंड?
देवभूमि उत्तराखंड में इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कई महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस टिप्पणी की निंदा की है और मौलाना के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
निष्कर्ष
राजनीति में विरोध करना एक बात है, लेकिन भाषा की मर्यादा लांघना समाज को तोड़ने जैसा है। डिंपल यादव पर की गई टिप्पणी न केवल एक महिला सांसद का, बल्कि पूरे महिला वर्ग का अपमान है – यह कहना है उत्तराखंड भाजपा का। अब देखना यह होगा कि सपा और अखिलेश यादव इस बयान पर क्या रुख अपनाते हैं और मौलाना माफी मांगते हैं या नहीं।