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देहरादून: एनडीए की तैयारी कर रहे छात्र से करवाई 400 उठक-बैठक, तबीयत बिगड़ी, शिक्षक पर FIR दर्ज

देहरादून, 23 जुलाई 2025


राजधानी देहरादून के एक प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान सेंचुरियन डिफेंस एकेडमी में एक छात्र के साथ हुई कथित सख्ती ने कोचिंग सिस्टम की सख्तियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मेघालय के शिलांग निवासी वर्गव बर्मन, जो एनडीए की तैयारी के लिए एकेडमी में दाखिल हुआ था, को एक शिक्षक द्वारा 400 उठक-बैठक लगाने की सजा दी गई। इसके चलते उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह 18 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहा।


क्या है पूरा मामला?

  • छात्र वर्गव बर्मन, शिलांग के लुमशातसंगी क्षेत्र का निवासी है।
  • 15 अप्रैल को उसने देहरादून के बल्लूपुर चौक स्थित सेंचुरियन डिफेंस एकेडमी में एनडीए की तैयारी के लिए एडमिशन लिया था।
  • 4 जुलाई को एक कक्षा के दौरान शिक्षक जय ने उसे व उसके सहपाठी को बात करते पकड़ लिया।
  • क्लास खत्म होने के बाद दोनों को बाहर बुलाया गया, और 400 उठक-बैठक लगाने का आदेश मिला।
  • डर के कारण दोनों छात्रों ने सजा पूरी की, लेकिन शिक्षक ने केवल वर्गव को पूरी सजा दी और दूसरे छात्र को माफ कर दिया।

स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद खुला मामला

वर्गव ने डर के मारे परिजनों को कुछ नहीं बताया और खुद से दवाएं लेता रहा। लेकिन जब पीठ और घुटनों में अत्यधिक सूजन और दर्द हुआ, तब उसने परिजनों को सूचना दी।
पिता बनजीत कुमार बर्मन, जो भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में फायर फाइटर के पद पर कार्यरत हैं, तुरंत देहरादून पहुंचे और बेटे का उपचार करवाया।


एकेडमी को भेजी गई थी ईमेल शिकायत

10 जुलाई को पिता ने एकेडमी को ईमेल भेजकर शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। लेकिन एकेडमी की ओर से केवल माफीनामा लिखवाकर मामले को शांत करने की कोशिश की गई। छात्र का इलाज पीजी में रहने के दौरान परिजनों ने खुद कराया।


पुलिस कार्रवाई: शिक्षक पर मुकदमा दर्ज

बनजीत बर्मन ने पहले शिलांग पुलिस में शिकायत दी, जिसके बाद वहां से जीरो एफआईआर दर्ज कर मामला देहरादून के वसंत विहार थाने को सौंपा गया।
थानाध्यक्ष प्रदीप रावत ने बताया कि छात्र की तहरीर के आधार पर शिक्षक जय के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है।


कोचिंग सेंटरों की सख्ती पर सवाल

यह घटना न सिर्फ अभिभावकों को झकझोर रही है, बल्कि कोचिंग संस्थानों में छात्रों के साथ होने वाले शारीरिक और मानसिक व्यवहार पर भी गंभीर सवाल उठा रही है। एनडीए जैसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों पर पहले ही मानसिक दबाव होता है, ऐसे में इस तरह की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं।

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