देहरादून, 3 सितंबर 2025 (बुधवार):
महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाने वाली संस्था नेशनल एनुअल रिपोर्ट इंडेक्स (नारी) की रिपोर्ट को देहरादून पुलिस ने खारिज कर दिया है। एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने रिपोर्ट को तथ्यहीन और भ्रामक बताया है। साथ ही संस्था पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
400 महिलाओं से फोन पर बातचीत कर बनाई गई रिपोर्ट
एसएसपी ने बताया कि संस्था ने महज 400 महिलाओं से टेलीफोन पर बात कर यह रिपोर्ट तैयार की, जबकि देहरादून में महिलाओं की आबादी लगभग 9 लाख है। यानी यह आंकड़ा सिर्फ 0.04 प्रतिशत सैंपल साइज पर आधारित है। ऐसे में इसे शहर की महिला सुरक्षा का सही पैमाना नहीं माना जा सकता।
राज्य महिला आयोग ने भी किया खंडन
राज्य महिला आयोग ने भी इस रिपोर्ट को नकार दिया। आयोग ने साफ किया कि यह सर्वे न तो राष्ट्रीय महिला आयोग और न ही राज्य महिला आयोग ने कराया है। आयोग के अनुसार देहरादून में महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और रिपोर्ट केवल भ्रामक छवि प्रस्तुत करती है।
सुरक्षा एप और शिकायतों के आंकड़े
रिपोर्ट में कहा गया कि केवल 4% महिलाएं सुरक्षा एप का इस्तेमाल करती हैं, जबकि हकीकत यह है कि गौरा शक्ति एप में अब तक 1.25 लाख महिलाएं रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 16,649 महिलाएं सिर्फ देहरादून की हैं।
अगस्त 2025 में डायल-112 पर कुल 12,354 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से केवल 2,287 (18%) महिलाओें से संबंधित थीं। इनमें भी 1,664 घरेलू विवाद, और सिर्फ 11 शिकायतें छेड़छाड़ से जुड़ी थीं।
पुलिस पेट्रोलिंग में कोहिमा से भी आगे दून
एसएसपी ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट में पुलिस पेट्रोलिंग का स्कोर कोहिमा के लिए 11% और देहरादून के लिए 33% दर्ज है। इसका मतलब है कि दून की पुलिस पेट्रोलिंग कोहिमा से तीन गुना बेहतर है। वहीं, सार्वजनिक स्थानों पर उत्पीड़न में देश का औसत स्कोर 7% है, जबकि देहरादून का सिर्फ 6%।
सुरक्षा के लिए सीसीटीवी नेटवर्क
शहर में वर्तमान में लगभग 14,000 सीसीटीवी कैमरे, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के 536 कैमरे और पुलिस कंट्रोल रूम के 216 कैमरे सक्रिय हैं। इन सभी को गूगल मैपिंग से जोड़ा गया है, ताकि अपराध और अपराधियों पर लगातार निगरानी रखी जा सके।
शिक्षा का हब है देहरादून
फिलहाल दून में अन्य राज्यों से आए करीब 70 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं, जिनमें से 43% छात्राएं हैं। इसमें विदेशी छात्रों की भी बड़ी संख्या शामिल है। एसएसपी ने कहा कि इतने बड़े छात्र समुदाय के बावजूद सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है और महिलाएं निश्चिंत होकर रह सकती हैं।
एसएसपी ने उठाए सवाल
एसएसपी अजय सिंह ने कहा –
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सर्वे में प्रतिभागियों की आयु, शिक्षा और रोजगार स्थिति स्पष्ट नहीं है।
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यह भी साफ नहीं है कि प्रतिभागी स्थानीय निवासी थे या पर्यटक।
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सुरक्षा की धारणा उम्र और जीवनशैली के आधार पर अलग-अलग हो सकती है, लेकिन रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं है।
उन्होंने कहा –
“हम किसी भी सर्वेक्षण के निष्कर्षों का सम्मान करते हैं, लेकिन जब रिपोर्ट नीतिगत फैसलों की नींव बनती है तो उसका विज्ञानसम्मत और तथ्यात्मक होना जरूरी है।”
अब पुलिस की ओर से संस्था को कानूनी नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही है, ताकि भविष्य में इस तरह की भ्रामक रिपोर्ट से शहर की छवि को नुकसान न पहुंचे।