BREAKING

देहरादून: कांग्रेस की मांग – हाईकोर्ट जज की निगरानी में सीबीआई जांच, 3 अक्टूबर को सीएम आवास कूच की चेतावनी

देहरादून, 27 सितंबर 2025

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक प्रकरण को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। शुक्रवार को गांधी पार्क में धरना देकर कांग्रेस नेताओं ने मांग उठाई कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से कराई जाए। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो 3 अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास कूच कर घेराव किया जाएगा।


गांधी पार्क में धरना, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में धरना प्रदर्शन किया और सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में साफ कहा गया कि जब तक उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की देखरेख में सीबीआई जांच नहीं होगी, तब तक युवाओं और जनता का भरोसा बहाल नहीं हो सकता।


करन माहरा का सरकार पर हमला

धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि नकल विरोधी कानून होने के बावजूद परीक्षा का पेपर लीक होना सरकार की नाकामी को दर्शाता है। उन्होंने कहा – “सरकार की स्थिति इतनी कमजोर हो गई है कि नकल माफिया खुलेआम सक्रिय हैं। अगर सीबीआई जांच होती है तो निश्चित रूप से इसमें सत्ता से जुड़े लोगों की भूमिका सामने आएगी।”


‘जिहाद’ शब्द से आंदोलन को तोड़ने का आरोप

धरने के संयोजक और प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब सरकार के पास किसी मुद्दे का समाधान नहीं होता तो वह उसका सांप्रदायीकरण कर देती है। उन्होंने कहा – “लैंड जिहाद, लव जिहाद के बाद अब नकल जिहाद का नाम देकर सरकार आंदोलन को सांप्रदायिक आधार पर तोड़ना चाहती है।”


कांग्रेस नेताओं की बड़ी मौजूदगी

धरने में प्रदेश महामंत्री जगदीश धीमान, महानगर अध्यक्ष जसविंदर गोगी, पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, नवप्रभात, पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह और दिनेश कौशल समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए।


निष्कर्ष

देहरादून में गांधी पार्क से उठी कांग्रेस की यह आवाज अब सीधे मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचने की चेतावनी बन चुकी है। हाईकोर्ट जज की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग ने सरकार के लिए नई मुश्किल खड़ी कर दी है। आने वाले दिनों में यह मामला केवल परीक्षा की शुचिता तक सीमित न रहकर एक बड़े राजनीतिक टकराव का रूप भी ले सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *