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देहरादून का बिल्डर 20 दिन से परिवार समेत लापता हापुड़ से लौटते हुए गायब, हरिद्वार में मिली आखिरी लोकेशन; फोन रिकॉर्ड में बड़ा लेनदेन भी सामने आया

दिनांक: 6 नवंबर 2025 | स्थान: देहरादून–हापुड़–हरिद्वार


देहरादून के प्रसिद्ध बिल्डर शास्वत गर्ग अपने परिवार के साथ बीते 20 दिनों से लापता हैं। मामला जितना सरल दिखता है, उतना है नहीं। फोन लोकेशन, दो गाड़ियां, बड़ा लेनदेन और तीन जिलों में फैली जांच इस रहस्य को और उलझा रही है।


हापुड़ से देहरादून के लिए निकला परिवार, बीच रास्ते में गुम

जानकारी के अनुसार, शास्वत गर्ग अपनी पत्नी, माता-पिता और बेटे के साथ दो अलग-अलग गाड़ियों में 17 अक्तूबर को हापुड़ स्थित अपने ससुराल से देहरादून लौट रहे थे। परिवार ने कहा था कि वे सीधे राजधानी पहुंचेंगे, लेकिन हरिद्वार के बाद उनकी लोकेशन अचानक बंद हो गई। इसके बाद से परिवार के पांचों सदस्यों का कोई पता नहीं चल सका।


हरिद्वार है आखिरी सुराग

हापुड़ पुलिस की जांच में पाया गया कि दोनों गाड़ियां हरिद्वार तक पहुंचीं। फोन की लोकेशन भी वहीं तक ट्रेस हुई। उसके बाद मोबाइल फोन बंद या स्विच ऑफ स्थिति में पाए गए। यह तथ्य पुलिस को सबसे ज्यादा उलझा रहा है कि एक नहीं, बल्कि पूरे परिवार के सभी फोन लगभग एक ही समय पर बंद हो गए।


सीडीआर में कई संदिग्ध नंबर, एक से जुड़ा बड़ा लेनदेन

कॉल डिटेल रिकॉर्ड निकालने पर हापुड़ पुलिस को कई ऐसे फोन नंबर मिले जिनसे शास्वत ने 17 अक्तूबर की शाम कई बार बातचीत की थी। इनमें से एक व्यक्ति से पुलिस ने पूछताछ भी की, जिसने शास्वत के साथ बड़े वित्तीय लेनदेन की बात स्वीकार की। यह लेनदेन किस लिए हुआ, इससे जुड़े लोग कौन हैं, और क्या इस लेनदेन का गायब होने से कोई संबंध है, यह अब जांच का हिस्सा है।


देहरादून पुलिस के पास नहीं कोई शिकायत

राजपुर रोड स्थित ऊषा कॉलोनी के निवासी शास्वत गर्ग का थानो मार्ग पर एक बड़ा प्लॉटिंग प्रोजेक्ट भी चल रहा है जिसमें कई लोगों ने निवेश किया हुआ है। इसके बावजूद देहरादून में किसी भी थाने में न तो शिकायत दर्ज कराई गई है और न ही पुलिस को कोई जानकारी दी गई है।

देहरादून एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि उनके पास मामले से जुड़ी कोई सूचना नहीं है।
“यदि कोई परिवारजन या संबंधित व्यक्ति हमसे संपर्क करता है, तो गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू की जाएगी,” उन्होंने कहा।


ससुराल पक्ष परेशान, हापुड़ पुलिस लगातार जांच में लगी

जब शास्वत के परिवार से 24 घंटे तक कोई संपर्क नहीं हुआ, तो पत्नी के भाई ने हापुड़ शहर कोतवाली में सूचना दी। कोतवाल देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि फिलहाल हरिद्वार को आखिरी लोकेशन मानकर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।


निष्कर्ष

देहरादून के बिल्डर शास्वत गर्ग, उनके माता-पिता, पत्नी और बेटे का एक साथ लापता हो जाना कई सवाल खड़े करता है। आखिरी लोकेशन, फोन रिकॉर्ड और आर्थिक लेनदेन इस मामले को साधारण गुमशुदगी से कहीं अधिक गंभीर बनाते हैं।

हालात यह संकेत देते हैं कि मामला केवल रास्ता भटकने भर का नहीं है। परिवारजन देरी से शिकायत दर्ज करवा रहे हैं, जबकि तीन जिलों की पुलिस जानकारी के अभाव में अपने स्तर पर सुराग खोजने की कोशिश कर रही है।

इस परिवार का पता लगाना अब पुलिस और प्रशासन के लिए प्राथमिकता बन चुका है, क्योंकि समय बीतने के साथ यह मामला और पेचीदा होता जा रहा है।

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