चार छात्र सस्पेंड, पीड़ित छात्र के पिता ने कहा- अब नहीं पढ़ाएंगे बेटे को यहां
देहरादून, 26 जून 2025
राज्य के सबसे प्रतिष्ठित खेल शिक्षण संस्थानों में से एक महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, देहरादून में रैगिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आठवीं कक्षा के छात्र के साथ लगातार शारीरिक और मानसिक शोषण की पुष्टि के बाद कॉलेज प्रशासन ने चार छात्रों को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।
लेकिन इस कार्रवाई से असंतुष्ट पीड़ित छात्र के पिता ने कॉलेज पर गंभीर आरोप लगाए हैं और साफ कहा है कि वे अपने बेटे को अब इस कॉलेज में नहीं पढ़ाना चाहते, क्योंकि पहले भी रैगिंग की शिकायत के बावजूद कॉलेज ने मामले को नजरअंदाज किया।
कब से हो रहा था शोषण?
पीड़ित छात्र के पिता के मुताबिक, कॉलेज में दाखिले के बाद से ही सीनियर छात्र उसे परेशान कर रहे थे।
- एक साल पहले भी आपत्तिजनक हरकत की गई थी।
- उस वक्त शिकायत के बाद कोच ने समझौता करवा दिया, लेकिन बाद में फिर से पिटाई, धमकियां और पैसे की मांग शुरू हो गई।
- छात्र को काम करने के लिए मजबूर किया जाता और विरोध करने पर कमरे से बाहर निकालने की धमकी दी जाती।
कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रिया:
कॉलेज के प्रधानाचार्य राजेश ममगाईं ने इस मामले में पीड़ित छात्र को ही “कमजोर” बताकर विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा:
“छात्र 2400 मीटर की दौड़ भी पूरी नहीं कर पाता। 30 मार्च की अभिभावक मीटिंग में इस बारे में जानकारी दी गई थी।”
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी मामले की सक्रिय जांच कर रही है, जिसमें उप-प्रधानाचार्य, खेल प्रभारी और कोच शामिल हैं।
छात्रों की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर छात्रावासों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता खड़ी कर दी है।
- पीड़ित छात्र की काउंसलिंग और सुरक्षा की बात तो कही जा रही है,
- लेकिन कॉलेज पर मामला दबाने की प्रवृत्ति और जवाबदेही से बचने के आरोप भी गंभीर हैं।
प्रशासन की चुप्पी और पूर्व में की गई शिकायतों पर सख्ती न बरतना, इस पूरे प्रकरण को और भी चिंताजनक बना रहा है।
कहां से हैं आरोपित छात्र?
- चारों आरोपी छात्र पिथौरागढ़, हल्द्वानी और हरिद्वार के रहने वाले हैं।
- इनमें से एक 12वीं का छात्र, जबकि अन्य 9वीं और 8वीं कक्षा के छात्र हैं।
- शुक्रवार को कॉलेज ने उनके माता-पिता को बुलाया है, जहां इस मामले पर विस्तृत चर्चा होगी।
कॉलेज का अगला कदम
कॉलेज प्रशासन ने कहा है कि:
- छात्र का पंजीकरण तुरंत रद्द नहीं किया जाएगा।
- उसे पढ़ाई का पूरा अवसर और काउंसलिंग दी जाएगी।
- हॉस्टल में सुरक्षा और मानसिक सहारा देने के प्रयास किए जाएंगे।
शिक्षा या उत्पीड़न का केंद्र?
स्पोर्ट्स कॉलेज जैसे संस्थानों से जहां भविष्य के खिलाड़ी तैयार होते हैं, वहां रैगिंग जैसी घटनाएं बेहद शर्मनाक हैं। यह सवाल अब हर अभिभावक के मन में है – क्या स्पोर्ट्स कॉलेज में पढ़ाई और खेल के साथ-साथ बच्चों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाती है?