देहरादून, 7 अगस्त 2025
देहरादून के युवा अब सिर्फ भारत की सड़कों तक सीमित नहीं रहना चाहते। सात समंदर पार गाड़ी चलाने का जुनून उन्हें इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट (IDP) बनवाने के लिए प्रेरित कर रहा है। पिछले दस वर्षों में आरटीओ देहरादून कार्यालय से 5000 से अधिक इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट जारी किए जा चुके हैं। इस साल जनवरी से जुलाई तक ही 342 परमिट जारी हो चुके हैं, जिनमें से 293 पुरुषों और 49 महिलाओं के नाम हैं।
पढ़ाई और नौकरी के लिए विदेश जाने वालों की पहली पसंद बन रहा IDP
हर साल बड़ी संख्या में देहरादून के छात्र और पेशेवर अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, जर्मनी समेत दर्जनों देशों में पढ़ाई या काम के लिए जाते हैं। चूंकि इन देशों में वाहन चलाने के लिए स्थानीय या अंतरराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस जरूरी होता है, ऐसे में इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट एक व्यवहारिक समाधान बन गया है।
आरटीओ प्रशासनिक अधिकारी संदीप सैनी के अनुसार, अभी भी करीब 200 आवेदन प्रक्रिया में हैं, जिनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
क्या है इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट (IDP)?
इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट, भारत सरकार द्वारा अनुमोदित एक आधिकारिक दस्तावेज है जो धारक को विदेशों में वाहन चलाने की अनुमति देता है। यह परमिट 1949 के जेनेवा कन्वेंशन के तहत जारी किया जाता है, जिसकी मान्यता 150 से अधिक देशों में है। देहरादून में यह परमिट आरटीओ कार्यालय द्वारा बनाया जाता है।
किन देशों में मान्य है इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट?
- अमेरिका, कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, स्विटजरलैंड, सिंगापुर, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, यूएई, फ्रांस, थाईलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, इटली सहित अनेक देश इस परमिट को मान्यता देते हैं।
कुछ देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा आदि में भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस भी सीमित अवधि (60 दिन से 1 साल तक) मान्य होता है, लेकिन लंबे समय तक रहने वालों को IDP की जरूरत होती है।
IDP बनवाने के लिए जरूरी दस्तावेज
इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट बनवाने के लिए आवेदक को parivahan.gov.in पोर्टल पर आवेदन करना होता है। इसके लिए जरूरी दस्तावेजों में शामिल हैं:
- वैध स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी
- पासपोर्ट और वीज़ा की प्रति
- अंतरराष्ट्रीय यात्रा का टिकट
- आय और निवास प्रमाण पत्र
- मेडिकल सर्टिफिकेट
- आधार कार्ड
- फॉर्म 4A
- शुल्क: ₹1000
डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद परमिट जारी किया जाता है।
देहरादून में पिछले ढाई साल में IDP के आंकड़े
वर्ष | परमिट की संख्या | पुरुष | महिला |
---|---|---|---|
2023 | 655 | – | – |
2024 | 621 | – | – |
2025 (जनवरी-जुलाई) | 342 | 293 | 49 |
कुल (2.5 साल) | 1618 | 1369 | 249 |
वहीं, इस दौरान सामान्य ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों की संख्या 18,377 रही।
IDP की वैधता और नवीनीकरण की प्रक्रिया
IDP अधिकतम एक वर्ष तक मान्य होता है। इसके बाद यदि व्यक्ति विदेश में ही रह रहा है, तो वह भारतीय दूतावास के माध्यम से नया परमिट बनवा सकता है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन और दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया अपनाई जाती है।
निष्कर्ष
साफ है कि देहरादून के युवाओं में ग्लोबल एक्सपोजर और आत्मनिर्भरता की भावना लगातार बढ़ रही है। चाहे वह शिक्षा हो या करियर, IDP उनके लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बन चुका है जो उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ने का अवसर देता है।