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देहरादून: दूसरे राज्यों से विवाह कर उत्तराखंड आई बेटियों के लिए नई व्यवस्था, एसआईआर प्रक्रिया में मायके से लाने होंगे जरूरी दस्तावेज

तारीख: 22 नवंबर 2025
स्थान: देहरादून, उत्तराखंड

देहरादून: उत्तराखंड में जल्द ही चुनाव आयोग का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू होने जा रहा है। इसी के चलते दूसरे राज्यों से विवाह कर उत्तराखंड में आकर रहने लगीं महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण गाइडलाइन सामने आई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड ने वर्ष 2003 की मतदाता सूची वेबसाइट पर जारी कर दी है, जिससे एसआईआर प्रक्रिया में दस्तावेजों की आवश्यकता बढ़ गई है।


 विवाह कर उत्तराखंड आईं बेटियों को लाने होंगे मायके से कागज़

दूसरे राज्यों से शादी कर उत्तराखंड में निवास करने वाली महिलाओं को अपनी मतदाता पहचान और वोट की वैधता सुनिश्चित करने के लिए अपने मायके से आवश्यक दस्तावेज लाने होंगे।
2003 के बाद विवाह कर उत्तराखंड आईं महिलाएँ जब एसआईआर (Special Intensive Revision) में भाग लेंगी, तो उन्हें अपने मायके की 2003 की मतदाता सूची का प्रमाण देना होगा।


 क्यों जरूरी है यह प्रक्रिया?

मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार:

  • कई राज्यों—विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सहित अन्य पड़ोसी राज्यों—ने पहले ही अपनी 2003 की वोटर लिस्ट ऑनलाइन जारी कर दी है।

  • जिन महिलाओं का 2003 में अपने मायके में वोट था, उन्हें उस सूची के विवरण एसआईआर फॉर्म में प्रस्तुत करने होंगे।

  • यदि उस समय उनका नाम मतदाता सूची में नहीं था, तो उन्हें अपने माता-पिता के 2003 के वोट विवरण देना होगा।


 वोटर लिस्ट फ्रीज नहीं – अभी कर सकेंगे बदलाव

उत्तराखंड की मतदाता सूची अभी फ्रीज नहीं की गई है।
इसका अर्थ है कि eligible नागरिक अभी भी—

  • नाम जोड़

  • पता बदल

  • अन्य सुधार

मतदाता सूची में करा सकते हैं।

यह सभी बदलाव भी आगामी एसआईआर प्रक्रिया में शामिल होंगे।


 दिसंबर या जनवरी से शुरू होगा एसआईआर

निर्वाचन विभाग ने बताया कि उत्तराखंड में दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 से एसआईआर प्रक्रिया आधिकारिक रूप से आरंभ कर दी जाएगी।
इसे ध्यान में रखते हुए विभाग ने नागरिकों—विशेषकर विवाह कर दूसरे घर गई महिलाओं—को सलाह दी है कि वे समय रहते सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें


 महिलाएँ किन दस्तावेजों को करें तैयार?

जरूरी दस्तावेजों में शामिल होंगे—

  • मायके की 2003 की मतदाता सूची की प्रति

  • यदि वोट नहीं था तो माता-पिता के नाम से जुड़े 2003 सूची के रिकॉर्ड

  • पहचान से जुड़े मूल दस्तावेज

  • विवाह प्रमाण पत्र (जांच में सहायक)

ये सभी विवरण एसआईआर फॉर्म भरते समय आवश्यक होंगे।


 निष्कर्ष

एसआईआर की तैयारियों के बीच यह नई व्यवस्था महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर उन बेटियों के लिए जो विवाह के बाद उत्तराखंड आ गई हैं।
मायके से उपलब्ध कराए गए दस्तावेज यह सुनिश्चित करेंगे कि वे यहां अपनी मतदाता पहचान को सुरक्षित रख सकें और भविष्य के चुनावों में बिना किसी परेशानी के मतदान अधिकार का उपयोग कर सकें।
निर्वाचन आयोग ने नागरिकों से आग्रह किया है कि समय से दस्तावेज व्यवस्थित कर लें ताकि एसआईआर प्रक्रिया में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

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