देहरादून | विशेष रिपोर्ट | 27 जुलाई 2025
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक बार फिर ऑनलाइन माध्यम से धर्मांतरण का संगठित प्रयास सामने आया है। इस बार शिकार बनी एक 28 वर्षीय युवती सुमैया (परिवर्तित नाम), जिसने B.Sc और फाइन आर्ट्स में मास्टर्स की डिग्री ली है। धर्म परिवर्तन की शुरुआत पाकिस्तानी लूडो एप, Zoom कॉल, और सोशल मीडिया प्रलोभनों के जरिए हुई।
कैसे शुरू हुई साजिश?
- युवती की दोस्ती बरेली में एक मुस्लिम सहेली से हुई जिसने 2022 में ZOOM कॉल पर कलमा पढ़वाया और कहा कि अब वह मुस्लिम बन गई है।
- इसके बाद युवती को पाकिस्तान, कश्मीर और अन्य मुस्लिम देशों के ग्रुपों से जोड़ा गया और इस्लामी साहित्य उपलब्ध कराया गया।
पाकिस्तानी Ludo गेम बना एंट्री पॉइंट
- युवती ने ‘Ludo Star’ नाम का पाकिस्तानी एप डाउनलोड किया।
- गेमिंग के बहाने पाकिस्तानी युवकों से बातचीत शुरू हुई।
- धीरे-धीरे उसे “रिवर्ट टू इस्लाम” ग्रुप्स में जोड़ा गया।
- ग्रुप में युवती को “सेलिब्रिटी ट्रीटमेंट” दिया गया जिससे वह भावनात्मक रूप से जुड़ती गई।
ZOOM कॉल पर कुरान की क्लास
- युवती की ऑनलाइन मीटिंग पुलवामा (कश्मीर) की एक युवती से करवाई गई।
- ZOOM के ज़रिए पाकिस्तानी मौलवी तनवीर अहमद ने उसे कुरान और इस्लामी रीति-रिवाज़ सिखाना शुरू किया।
- रमज़ान में कश्मीर बुलाकर धार्मिक सम्मेलनों में भाग लेने का दबाव भी डाला गया।
पैसे का खेल: भारत से दुबई और फिर पाकिस्तान
- सुमैया ने मौलवी को पैसे देना चाहा तो गिरोह ने एक सुनियोजित ट्रांजेक्शन मॉडल अपनाया:
- पाकिस्तानी युवक तहसीन ने कहा कि पैसा सीधे न भेजें।
- सुलेमान, जो देहरादून का है लेकिन दुबई में रहता है, के ज़रिए लेन-देन करवाया गया।
- पैसा सुमैया के खाते में आया, फिर दुबई भेजा गया और वहां से पाक मौलवी तनवीर अहमद को ट्रांसफर किया गया।
युवती को बनाया गया “प्रचारक”
- गिरोह चाहता था कि सुमैया न सिर्फ इस्लाम अपनाए, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करे।
- उसे दिल्ली बुलाकर निकाह करवाने की तैयारी भी चल रही थी।
पुलिस ने दर्ज किया केस, 6 आरोपी नामजद
- प्रेमनगर थाना में उत्तराखंड धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
- मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह है, जो पहले भी UP ATS की गिरफ्त में आ चुका है।
आरोपी:
- अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह, करावल नगर, दिल्ली
- अब्दुल रहीम, पुत्र
- अब्दुल्ला, पुत्र
- अब्दुर रहमान उर्फ रुपेंद्र सिंह, शंकरपुर, सहसपुर
- आयशा उर्फ कृष्णा, ओल्ड गोवा
- सुलेमान, कांवली, देहरादून (वर्तमान में दुबई निवासी)
- गिरोह के कुछ सदस्य आगरा में UP ATS की गिरफ्त में हैं। देहरादून पुलिस बी वारंट के तहत उन्हें लाने की प्रक्रिया में है।
SSP अजय सिंह बोले:
“यह गिरोह सुनियोजित तरीके से लड़कियों को ऑनलाइन टारगेट कर रहा है। Zoom कॉल, सोशल मीडिया, गेमिंग ऐप्स के ज़रिए युवतियों को ब्रेनवॉश कर मतांतरण कराया जा रहा है। गिरोह के विदेशी कनेक्शन सामने आ चुके हैं। हम ATS व साइबर एजेंसियों के साथ मिलकर हर स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं।”
पेंटर से ‘प्रचारक’ तक: युवती की प्रोफाइल
- केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई
- बीएससी (गणित), मास्टर्स (फाइन आर्ट्स)
- NCC C-Certificate होल्डर
- देहरादून में वाल पेंटिंग का कार्य भी कर चुकी है
डिजिटल धर्मांतरण का नेटवर्क तेजी से फैल रहा है। इस मामले ने पुलिस, समाज और अभिभावकों को सतर्क कर दिया है कि किस तरह आधुनिक तकनीक और सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर युवाओं को बहकाया जा सकता है।