देहरादून, 9 सितंबर 2025
प्रदेशभर के शिक्षण संस्थानों में नई शिक्षा नीति (NEP-2020) लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। अब छात्र-छात्राएं अपनी पसंद के विषयों का चयन कर सकेंगे। साथ ही उन्हें मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम का भी लाभ मिलेगा।
सचिवालय में हुई टास्क फोर्स बैठक
मंगलवार को सचिवालय स्थित सभागार में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में टास्क फोर्स की बैठक आयोजित हुई। बैठक में नई शिक्षा नीति-2020 के तहत कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा और निर्णय लिए गए।
छात्रों को तकनीकी और पारंपरिक ज्ञान दोनों का अवसर
डॉ. रावत ने कहा कि आधुनिक समय की मांग के अनुरूप छात्रों के लिए नए तकनीकी पाठ्यक्रम जैसे ईवी टेक्नोलॉजी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डाटा एनालिसिस, इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज, एंटरप्रेन्योरशिप और न्यू वेंचर क्रिएशन को शामिल किया जाएगा।
वहीं भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा देने के लिए ज्योतिष विज्ञान, आयुष विज्ञान, योग, वास्तु विज्ञान, कृषि, वानिकी और उद्यानिकी जैसे विषय भी नए पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे।
नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत होगा पाठ्यक्रम तैयार
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग ने एनईपी-2020 के क्रियान्वयन को लेकर विस्तृत प्रस्तुति दी। इसमें नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क, बहुविषयक विकल्प, कौशल संवर्धन, डिजिटल इनिशिएटिव, ग्रेडेड ऑटोनॉमी, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, अकादमिक शोध और इंडस्ट्री-अकादमिक सहयोग जैसे मुद्दों पर विशेष जोर दिया गया।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ओर कदम
डॉ. रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और छात्र अपनी रुचि के अनुरूप विषयों का चुनाव कर सकेंगे। इससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के अधिक अवसर मिलेंगे।