स्थान: सहसपुर, देहरादून
तारीख: 1 दिसम्बर 2025
नवीं–दसवीं की छात्राओं ने शिक्षक पर लगाए गंभीर आरोप, परीक्षा में फेल करने की धमकी का भी दावा
देहरादून जनपद के सहसपुर क्षेत्र स्थित एक निजी स्कूल में नाबालिग छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला सामने आते ही शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया है। नवीं और दसवीं कक्षा की कई छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उनका शिक्षक लंबे समय से गलत नीयत से उन्हें छूता था, अभद्र हरकतें करता था और विरोध करने पर परीक्षा में फेल करने तक की धमकी देता था।
स्कूल प्रबंधन पर भी कार्रवाई से बचने का आरोप, पीड़िताओं को चुप कराने का प्रयास
पीड़ित छात्राओं के अनुसार, उन्होंने पूरी घटना की शिकायत स्कूल प्रबंधन को दी थी, लेकिन आरोप है कि कार्रवाई करने के बजाय स्कूल ने छात्राओं को डराकर मामले को दबाने का प्रयास किया।
छात्राओं ने बताया कि
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कई अन्य बच्चियाँ भी पूर्व में इसी शिक्षक की हरकतों का शिकार हुई हैं
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डर, शर्म और दबाव के कारण कोई भी खुलकर सामने नहीं आ पाई
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स्कूल स्टाफ आरोपी शिक्षक का बचाव करने में लगा रहा
यह स्थिति शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा और विश्वास पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
महिला आयोग ने लिया तत्काल संज्ञान, शिक्षा अधिकारी व पुलिस को जारी किए कठोर निर्देश
मामले की संवेदनशीलता और गंभीरता को देखते हुए उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने तत्काल इस प्रकरण पर संज्ञान लिया है।
महिला आयोग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं—
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मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून को प्रकरण की गहन जांच करने का आदेश
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जब तक जांच पूरी न हो, आरोपी शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित रखने के निर्देश
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पुलिस विभाग को गंभीरता से जांच कर आरोपी पर कड़ी और त्वरित कार्रवाई करने के आदेश
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स्कूल प्रबंधन, विशेषकर प्रबंधक और समिति को बचाव के आरोपों पर आयोग के समक्ष तलब किया जाएगा
कंडवाल का कड़ा बयान — “किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं, छात्राओं की सुरक्षा सर्वोपरि”
अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि यह घटना संस्थान में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा प्रश्नचिह्न है। उन्होंने कहा—
“किशोरियों और महिलाओं की सुरक्षा के मामले में महिला आयोग किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा। आरोपी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी और जांच पूरी तरह निष्पक्ष होगी।”
निष्कर्ष
सहसपुर के इस निजी स्कूल में सामने आया मामला शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चेतावनी है। महिला आयोग द्वारा जांच और सख्त कार्रवाई के निर्देशों से पीड़िताओं को न्याय की उम्मीद जगी है।
अब पूरा प्रदेश इस मामले में न्यायिक और प्रशासनिक कार्रवाई पर नजर लगाए हुए है।


