दिनांक: 29 नवंबर 2025 (शनिवार)
स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
अदालत ही नहीं, सड़कें भी बंद… राजधानी में वकीलों का उग्र प्रदर्शन
देहरादून में शनिवार सुबह वकीलों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर जोरदार रैली निकाली। रैली और धरना-प्रदर्शन के कारण शहर के प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक अवरुद्ध हो गया। अदालतों में कामकाज ठप रहा, वहीं सड़कें भी घंटों जाम रहीं।
प्रिंस चौक से शुरू हुआ मार्च, घंटाघर तक दिखी वकीलों की एकजुटता
सुबह करीब 10 बजे देहरादून बार के सैकड़ों वकील दो कतारों में प्रिंस चौक से निकले।
रैली का रूट—
प्रिंस चौक → गांधी रोड → तहसील परिसर → दर्शन लाल चौक → घंटाघर
घंटाघर पहुंचकर वकीलों ने नारेबाजी और प्रदर्शन किया। कुछ देर वहीं रुककर मांगों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद करने के बाद सभी वापस हरिद्वार रोड स्थित अदालत परिसर के बाहर बने धरनास्थल की ओर लौट आए।
12 बजे तक जाम में फंसा शहर, अदालत और रजिस्ट्रार कार्यालय में कामकाज ठप
मार्च और धरने के चलते दोपहर करीब 12 बजे तक शहर के कई हिस्सों में ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। खासतौर पर प्रिंस चौक, घंटाघर और हरिद्वार रोड पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।
अदालत और रजिस्ट्रार कार्यालय में वकीलों की अनुपस्थिति के कारण सभी काम बंद रहे।
आखिर क्यों सड़क पर उतरे वकील?
बार एसोसिएशन के सचिव राजबीर बिष्ट ने बताया कि वकीलों की प्रमुख मांगों को लेकर संघर्ष समिति ने पहले ही सरकार को प्रस्ताव भेजा हुआ है।
लेकिन—
सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।
इसी कारण वकीलों में नाराज़गी बढ़ रही है और आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया है।
विरोध की समयसीमा बढ़ाने का सर्वसम्मति से निर्णय
सभी वकीलों ने सर्वसम्मति से तय किया कि आंदोलन को और आगे बढ़ाया जाएगा।
इसी क्रम में शनिवार को रैली और धरना आयोजित किया गया, जिससे सरकार पर दबाव बनाया जा सके।
निष्कर्ष: आंदोलन से शहर प्रभावित, समाधान की उम्मीद बढ़ी
देहरादून में वकीलों के इस बड़े प्रदर्शन ने शहर की दिनचर्या को प्रभावित किया। अदालतों का काम ठप रहा और आम लोग जाम से परेशान हुए।
वकीलों का कहना है कि जब तक सरकार मांगों पर स्पष्ट और ठोस आश्वासन नहीं देती, तब तक विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।


