तारीख: 22 नवंबर 2025
स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
देहरादून: टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर एक बांग्लादेशी युवक का फेसबुक प्यार इतना आगे बढ़ गया कि वह फर्जी पहचान बनाकर देहरादून में सचिन चौहान के नाम से रहने लगा। प्यार, फर्जीवाड़ा और अवैध रूप से देश की सीमा पार करने की इस पूरी कहानी का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने गुरुवार रात युवक और उसकी भारतीय प्रेमिका को गिरफ्तार कर लिया।
फेसबुक दोस्ती से शुरू हुई कहानी, बांग्लादेश तक पहुंचा रिश्ता
बांग्लादेश के मेहरपुर जिले के रहने वाले ममून हसन (28) की दोस्ती त्यूणी निवासी रीना चौहान से फेसबुक पर हुई।
फिर ममून पहली बार 2019 में टूरिस्ट वीजा पर देहरादून आया और दो महीने तक रीना के साथ रहा। इसके बाद 2020 और 2021 में भी वह वीजा पर भारत आता रहा।
अवैध रूप से रीना को बांग्लादेश ले गया, वहीं किया निकाह
कोरोनाकाल में वीजा समाप्त हो गया तो ममून ने रीना को अवैध रूप से बॉर्डर पार करवा कर बांग्लादेश ले गया, जहां दोनों ने निकाह कर लिया।
कुछ समय बाद यह कपल फिर से अवैध तरीके से भारत लौट आया, और देहरादून में पति-पत्नी की तरह अलग-अलग किराये के घरों में रहने लगे।
सचिन बनकर देहरादून में रहने लगा ममून, बनाई नकली पहचान
रीना का पहला विवाह त्यूणी निवासी सचिन चौहान से हुआ था। अलगाव के बाद उसने अपने पुराने पति के नाम पर—
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ममून का फर्जी आधार कार्ड
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अन्य सरकारी दस्तावेज
तैयार करवाए।
इन्हीं दस्तावेजों के सहारे ममून देहरादून के एक क्लब में बाउंसर की नौकरी तक करने लगा।
पुलिस की नजर में आए और पकड़े गए दोनों
शहर में चल रहे ऑपरेशन कालनेमि के तहत नेहरू कॉलोनी पुलिस व एलआईयू को सूचना मिली कि एक कपल संदिग्ध पहचान के साथ किराये पर रह रहा है।
जांच में सामने आया कि कथित सचिन असल में ममून हसन है।
गुरुवार रात दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पुलिस ने—
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फर्जी आधार कार्ड
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पहचानपत्र
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अन्य दस्तावेज
बरामद कर लिए।
️ देश विरोधी गतिविधियों की भी जांच
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि—
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क्या फर्जी पहचान का इस्तेमाल किसी गंभीर या देश विरोधी गतिविधि में हुआ?
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क्या किसी स्थानीय व्यक्ति या नेटवर्क ने ममून को यह पहचान दिलाने में मदद की?
फिलहाल ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है।
दोनों को अवैध रूप से बॉर्डर क्रॉस करने और फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
साथ ही केंद्रीय एजेंसियों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
देहरादून में अब तक 16 बांग्लादेशी पकड़े गए
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, ऑपरेशन कालनेमि के तहत अब तक—
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16 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए
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9 को डिपोर्ट किया जा चुका है
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7 अपराधों में लिप्त पाए गए, जिन्हें जेल भेजा गया है
ममून-रीना का मामला इसी सघन जांच में सामने आया।
निष्कर्ष
प्यार, अवैध आवागमन और फर्जी पहचान का यह मामला बेहद गंभीर है। ममून हसन ने न सिर्फ भारत में अवैध रूप से प्रवेश किया, बल्कि फर्जी दस्तावेजों के सहारे पहचान बदलकर नौकरी भी हासिल कर ली।
पुलिस की समय रहते कार्रवाई ने न केवल एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर किया, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क किया है कि फर्जी पहचान बनाकर रहने वाले विदेशी नागरिकों पर कड़ी नजर रखनी होगी।


