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देहरादून में ‘उत्तराखंड का नया राजनीतिक इतिहास’ पुस्तक का हुआ भव्य विमोचन, सीएम धामी बोले— “बुके नहीं… बुक दीजिए”

तारीख: 22 नवंबर 2025
स्थान: मुख्यमंत्री आवास, देहरादून

देहरादून: उत्तराखंड की राजनीतिक यात्रा पर आधारित एक महत्वपूर्ण कृति का शनिवार को विमोचन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार और प्रतिष्ठित लेखक जय सिंह रावत द्वारा लिखित पुस्तक ‘उत्तराखंड राज्य का नवीन राजनीतिक इतिहास’ का औपचारिक रूप से अनावरण किया। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत भी विशेष रूप से मौजूद रहे।


 पुस्तक का परिचय: 25 वर्षों की राजनीतिक यात्रा का प्रामाणिक दस्तावेज

लेखक जय सिंह रावत द्वारा लिखी गई यह पुस्तक उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद बीते 25 वर्षों की राजनीतिक, प्रशासनिक और क्रमिक विकास यात्रा का विस्तृत और तथ्यात्मक वर्णन प्रस्तुत करती है।

दस्तावेजों, आंकड़ों, साक्ष्यों और विश्लेषण के आधार पर तैयार यह पुस्तक पाँच विस्तृत खंडों में विभाजित है, जो शोधार्थियों, विद्यार्थियों तथा प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ ग्रंथ साबित होगी।


 सीएम धामी के संबोधन: ‘किताबों की कोई जगह नहीं ले सकता’

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री धामी ने लेखक को बधाई देते हुए कहा—

“वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने उत्तराखंड के गठन के बाद की राजनीतिक यात्रा को जिस प्रमाणिकता से संकलित किया है, वह अत्यंत सराहनीय है।”

उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, इतिहास और लोक परंपराओं पर कई किताबें उपलब्ध हैं, लेकिन ढाई दशक की राजनीतिक घटनाओं को प्रामाणिक प्रमाणों के साथ प्रस्तुत करना चुनौतीपूर्ण कार्य था, जिसे लेखक ने उत्कृष्ट रूप से निभाया है।


 ‘बुके नहीं… बुक दीजिए’— पढ़ने की आदत पर जोर

सीएम धामी ने कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा—

“किताबें पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा दें। बुके नहीं… बुक दीजिए।

सीएम ने यह भी कहा कि एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) चाहे कितना भी आगे बढ़ जाए, लेकिन किताबों का कोई विकल्प नहीं है।


 स्थानीय भाषाओं के संरक्षण पर जोर

मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की स्थानीय भाषाओं—गढ़वाली, कुमाऊँनी और जौनसारी—के संरक्षण और संवर्धन को सरकार की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि इन भाषाओं के डिजिटलाइजेशन पर तेजी से कार्य हो रहा है

इसके साथ ही उन्होंने घर और विद्यालयों में अपनी मातृभाषा के उपयोग को बढ़ावा देने की अपील की और नई पीढ़ी को अपनी भाषाई विरासत से जोड़ने का आग्रह किया।


 निष्कर्ष

देहरादुन में आयोजित इस विमोचन कार्यक्रम ने न सिर्फ उत्तराखंड की राजनीतिक यात्रा पर आधारित एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ को दुनिया के सामने रखा, बल्कि मुख्यमंत्री धामी के माध्यम से पढ़ने की संस्कृति और स्थानीय भाषाओं के संरक्षण के लिए भी एक मजबूत संदेश दिया।
वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत की यह पुस्तक उत्तराखंड के राजनीतिक इतिहास को समझने और भविष्य की दिशा तय करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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