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देहरादून में जन्माष्टमी की भव्य तैयारियां पूरी, झांकियों से लेकर मटकी फोड़ तक हर जगह कान्हा के रंग

देहरादून, 15 अगस्त 2025 – द्रोणनगरी इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के स्वागत में पूरी तरह कृष्णमय हो चुकी है। मंदिरों में रंग-बिरंगी लाइटें, फूलों की सजावट और भव्य झांकियां लोगों को आकर्षित कर रही हैं। शहर के हर कोने में जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारियां अंतिम चरण में हैं।

मंदिरों में भव्य सजावट और विशेष कार्यक्रम
भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाने वाली जन्माष्टमी इस बार देहरादून में दो दिन—16 और 17 अगस्त—को अलग-अलग स्थानों पर आयोजित होगी। इस्कॉन श्री श्री राधा बांके बिहारी मंदिर, मोथोरोवाला में विश्व प्रसिद्ध फूल बंगला दर्शन होगा, जिसमें चांदी के सिंहासन पर विराजमान श्रीकृष्ण-राधा ताजे फूलों के बीच भक्तों को दर्शन देंगे। मंदिर अध्यक्ष परम करुणा माधव दास के अनुसार सुबह 5 बजे से रात 12 बजे तक महोत्सव चलेगा, जिसमें 108 कलशों से महाअभिषेक, कृष्ण कथा, झांकियां और 1008 भोगों का अर्पण होगा।

वृंदावन के कलाकारों की खास प्रस्तुतियां
सहारनपुर चौक स्थित श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर में मथुरा-वृंदावन से आए 31 कलाकार रासलीला, मयूर नृत्य, दीप नृत्य, लठमार होली और डांडिया जैसी प्रस्तुतियां देंगे। 17 अगस्त को यहां भव्य नंद उत्सव भी होगा, जिसमें कान्हा बने बच्चों को पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

नगर कीर्तन और सांस्कृतिक आयोजन
डीएल रोड स्थित श्री चैतन्य गौड़ीय मठ से 16 अगस्त को नगर कीर्तन निकलेगा, जिसमें राधे-कृष्ण के भजनों पर भक्त नृत्य करेंगे। करनपुर और सर्वे चौक होते हुए मठ लौटने के बाद रात 12 बजे श्रीकृष्ण जन्माभिषेक होगा। प्रेमनगर, किशन नगर चौक और त्यागी रोड के मंदिरों में भी रासलीला और भजन संध्याओं का आयोजन किया जाएगा।

मटकी फोड़ और बड़े इनाम
पौंधा के श्री राधाकृष्ण मंदिर में 17 अगस्त को मटकी फोड़ प्रतियोगिता में विजेता टीम को 31 हजार रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा। इस प्रतियोगिता में भाग लेने को लेकर स्थानीय युवाओं में खासा उत्साह है।

विशेष नाट्य मंचन और कथा
श्री सनातन धर्म सभा गीता भवन में मेघदूत नाट्य संस्था रुक्मिणी मंगल का मंचन करेगी। वहीं, पटेलनगर के श्री श्याम सुंदर मंदिर में 17 अगस्त तक भक्तमाल कथा चल रही है, जिसके बाद 16 अगस्त की रात जन्माष्टमी महोत्सव और 17 अगस्त को नंदोत्सव मनाया जाएगा।

देहरादून में इस बार जन्माष्टमी केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक महोत्सव के रूप में सामने आ रही है—जहां भक्तिभाव, नृत्य, संगीत, झांकियां और कान्हा की लीलाएं सबको मंत्रमुग्ध करेंगी।

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