देहरादून | 27 जुलाई 2025
देहरादून में धर्मांतरण का एक बड़ा गिरोह पकड़ा गया है, जिसमें अब तक दो मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। छांगुर गिरोह द्वारा संचालित इस नेटवर्क का पाकिस्तान और दुबई से सीधा साइबर और फंडिंग कनेक्शन सामने आया है।
ताज़ा मामला प्रेमनगर क्षेत्र का है, जहां बरेली निवासी एक युवती को पहले इस्लाम कबूल करवाया गया, फिर उसे दुबई भेजने की योजना तैयार की गई।
जांच में मिले चौंकाने वाले तथ्य:
- युवती का नाम “मरियम” रखा गया था
- उसे पाकिस्तान के मौलवियों से इस्लाम की शिक्षा दिलवाई जा रही थी
- गिरोह ने उसे Zoom कॉल्स, ऑनलाइन गेम्स, और धार्मिक प्रलोभनों के माध्यम से प्रभावित किया
- रुपयों का लेन-देन दुबई के जरिए पाकिस्तान तक हुआ
“ऑनलाइन गेम से शुरू हुई थी कहानी”
बरेली की युवती ने बताया कि 2022 में एक मुस्लिम सहेली के कहने पर उसने मोबाइल गेम Ludo Star डाउनलोड किया। इस ऐप पर उसकी पाकिस्तानी यूज़र्स से बातचीत होने लगी और उन्हें जानकर कि युवती को इस्लाम में रुचि है, उन्होंने उसे मौलवी तनवीर अहमद से जोड़ा।
मौलवी ने उसे निःशुल्क इस्लामी शिक्षा देने की पेशकश की, लेकिन युवती मुफ्त में यह सेवा नहीं लेना चाहती थी।
“पैसे पाकिस्तान कैसे पहुंचे?”
- देहरादून के कांवली निवासी सुलेमान, जो दुबई में रहता है, ने युवती से संपर्क किया
- उसने कहा कि सीधे पैसे भेजने से संदेह होगा
- पैसे पहले युवती के खाते में, फिर दुबई भेजे गए
- वहां से पाकिस्तानी मौलवी को ट्रांसफर कर दिए गए
- इस मनी ट्रेल की पुष्टि पुलिस जांच में हो चुकी है
“निकाह की तैयारी और दुबई भेजने की साजिश”
एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, गिरोह की योजना थी कि मरियम (converted girl) को दिल्ली के रास्ते दुबई भेजा जाए, जहां एक मुस्लिम युवक से उसका निकाह कराया जाना था। परिजनों की शिकायत और पुलिस की तत्परता से यह साजिश वक्त रहते सामने आ गई।
दर्ज हुआ दूसरा मुकदमा, 6 आरोपियों पर शिकंजा
नवीनतम एफआईआर प्रेमनगर थाने में दर्ज की गई है। नामजद आरोपी:
- अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह, करावलनगर, दिल्ली
- अब्दुल रहीम (पुत्र)
- अब्दुल्ला (पुत्र)
- अब्दुर रहमान उर्फ रुपेंद्र प्रताप सिंह, शंकरपुर, सहसपुर
- आयशा उर्फ कृष्णा, ओल्ड गोवा
- सुलेमान, कांवली, देहरादून (वर्तमान में दुबई निवासी)
- सभी आरोपी UP ATS द्वारा गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अब देहरादून पुलिस बी वारंट पर इन्हें कोर्ट से रिमांड पर लाएगी।
साइबर मॉड्यूल से ‘धार्मिक ब्रेनवॉश’
पुलिस का दावा है कि यह गिरोह खास तौर पर कमजोर मानसिक स्थिति वाली युवतियों को टारगेट करता था।
- सोशल मीडिया, चैटिंग एप्स और गेम्स के माध्यम से संपर्क
- Zoom कॉल्स पर कश्मीरी युवक-युवतियों के जरिए दिमागी प्रभाव
- “तुम खास हो”, “तुम्हें नई पहचान मिलेगी” जैसे वाक्यों से भावनात्मक जाल
- धीरे-धीरे नाम बदलना, कलमा पढ़वाना और फिर ट्रांसफर/निकाह की प्लानिंग
पुलिस कर रही काउंसलिंग और हाई अलर्ट
- पुलिस ने सुमैया और मरियम दोनों की काउंसलिंग कराई
- परिजनों को विश्वास में लेकर कार्रवाई जारी
- पुलिस ने अन्य संदिग्ध युवतियों और डिजिटल रिकॉर्ड की तलाश शुरू कर दी है
क्या कहती है पुलिस?
एसएसपी अजय सिंह ने कहा:
“यह एक सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण मॉड्यूल है। इसमें तकनीक, साइबर नेटवर्क और विदेशी कनेक्शन साफ तौर पर जुड़े हैं। अब हम साजिश के मास्टरमाइंड तक पहुंचने के लिए ATS और NIA से संपर्क कर रहे हैं।”