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देहरादून में मांस कारोबार की अव्यवस्था उजागर: 2000 रेस्टोरेंट अवैध रूप से परोस रहे नॉनवेज, 700 से ज्यादा दुकानों के पास नहीं है लाइसेंस

देहरादून, 2 अगस्त 2025 — उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मांस कारोबार पर बड़ा खुलासा हुआ है। नगर निगम की ताजा जांच में सामने आया है कि शहर में करीब 700 से ज्यादा मांस की दुकानें बिना वैध लाइसेंस के संचालित हो रही हैं, जबकि 2000 से अधिक होटल और रेस्टोरेंट बिना किसी अनुमति के नॉनवेज परोस रहे हैं। स्वास्थ्य और कानून दोनों ही नजरिए से यह स्थिति बेहद चिंताजनक मानी जा रही है।


अवैध कटान, बिना लाइसेंस बिक्री

शहर के विभिन्न क्षेत्रों में खुलेआम मुर्गा, बकरा और मछली काटी जा रही है — बिना किसी अधिकृत स्लाटर हाउस या चिकित्सकीय परीक्षण के। यह पूरी प्रक्रिया न केवल कानून की अवहेलना है, बल्कि जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा भी बन चुकी है। हैरत की बात यह है कि देहरादून में इस समय कोई अधिकृत स्लाटर हाउस अस्तित्व में नहीं है, बावजूद इसके कटान और बिक्री धड़ल्ले से जारी है।


नगर निगम की सख्ती शुरू

नगर निगम ने अवैध गतिविधियों पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है।

  • शहर भर में मीट दुकानों और रेस्टोरेंट्स की पहचान की जा रही है।
  • बिना लाइसेंस दुकानदारों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
  • सप्ताह के अंत तक नगर निगम विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी सविन बंसल को सौंपेगा।
  • जिलाधिकारी ने स्वयं इस मामले में रिपोर्ट तलब की है और सख्त कदम उठाने के संकेत दिए हैं।

कहां से आ रहा है यह मांस?

देहरादून रेड जोन में आता है, जहां स्लाटर हाउस का संचालन प्रतिबंधित है। नगर निगम ने लंबे समय से नया वैध स्लाटर हाउस स्थापित करने के लिए प्रयास किए, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति नहीं मिल पाई। अब रेस्टोरेंट और दुकानदार यह दावा कर रहे हैं कि वे मांस बाहरी राज्यों से मंगा रहे हैं, परंतु इसके कोई दस्तावेजी प्रमाण या निगरानी व्यवस्था मौजूद नहीं है।


स्वास्थ्य और पर्यावरण पर खतरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बिना परीक्षण के मांस खाने से कई संक्रामक रोग फैल सकते हैं, जैसे:

  • फूड प्वाइजनिंग
  • टाइफाइड
  • ब्रुसेलोसिस
  • डायरिया और पेट की अन्य समस्याएं

इसके साथ ही अनुचित निस्तारण और कचरा प्रबंधन से पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ रहा है। खासकर बरसात के मौसम में बासी और संक्रमित मांस के सेवन से तबीयत बिगड़ने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।


क्या कहता है नियम?

  • मांस की बिक्री से पहले चिकित्सकीय परीक्षण अनिवार्य है
  • स्लाटर केवल अधिकृत केंद्र में ही हो सकता है
  • बिना लाइसेंस मांस बेचना अपराध की श्रेणी में आता है
  • खाने के लिए परोसे जाने वाले मांस की स्रोत की जानकारी रजिस्टर में दर्ज होनी चाहिए

निगरानी बढ़ेगी, लाइसेंस जरूरी

नगर निगम अब मांस कारोबार को नियंत्रित करने के लिए:

  • ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और ट्रैकिंग सिस्टम पर विचार कर रहा है
  • स्थायी स्लाटर हाउस स्थापित करने के लिए नई नीति की तैयारी कर रहा है
  • होटल और रेस्टोरेंट के निरीक्षण अभियान नियमित अंतराल पर चलाए जाएंगे

निष्कर्ष:
देहरादून में मांस कारोबार की यह स्थिति एक अदृश्य संकट की ओर इशारा करती है। अव्यवस्थित और अवैध गतिविधियां यदि समय रहते नहीं रोकी गईं, तो इससे जनस्वास्थ्य, कानून व्यवस्था और पर्यावरण — तीनों पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ सकता है। अब नगर निगम की कार्रवाई और प्रशासन की निगरानी से उम्मीद की जा रही है कि स्थिति पर नियंत्रण पाया जाएगा।


नागरिकों से अपील: मांस उत्पाद खरीदते समय वैध लाइसेंस वाले दुकानों से ही खरीदें, और संदिग्ध दुकानों की सूचना नगर निगम को दें।

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