देहरादून, 25 सितंबर 2025
यूकेएसएसएससी पेपर लीक कांड के बाद उत्तराखंड में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इसी कड़ी में राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में बेरोजगार संघ के धरने में अचानक ‘हमें चाहिए आज़ादी’ जैसे नारे गूंजने की खबर सामने आई है। इस सूचना के बाद पुलिस और खुफ़िया एजेंसियों के हाथ-पांव फूल गए और प्रशासन तत्काल अलर्ट पर आ गया।
परेड ग्राउंड में कई दिनों से चल रहा प्रदर्शन
पेपर लीक मामले ने राज्यभर के युवाओं और अभ्यर्थियों का गुस्सा भड़का दिया है। परेड ग्राउंड में बेरोजगार संघ के कार्यकर्ता कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांग है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और भविष्य की परीक्षाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
‘हमें चाहिए आज़ादी’ नारे ने बढ़ाई चिंता
प्रदर्शन के बीच अचानक कुछ युवाओं द्वारा ‘हमें चाहिए आज़ादी’ के नारे लगाए जाने की बात सामने आई। इन नारों ने प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी क्योंकि दिल्ली के जेएनयू विवाद के समय भी इसी तरह के नारे चर्चा में आए थे। खुफ़िया विभाग अब यह पता लगाने में जुटा है कि नारे लगाने वाले युवक कौन थे और उनका मकसद क्या था।
पुलिस और प्रशासन सतर्क
नारेबाज़ी की सूचना मिलते ही पुलिस ने परेड ग्राउंड की सुरक्षा बढ़ा दी है। खुफ़िया टीमें मौके पर तैनात कर दी गई हैं ताकि माहौल बिगड़ने से पहले ही स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके। फिलहाल स्थिति शांत बताई जा रही है, लेकिन प्रशासन लगातार प्रदर्शन पर नज़र रखे हुए है।
सरकार का सख़्त रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही साफ कर चुके हैं कि नकल माफिया पर किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि युवाओं का भविष्य बर्बाद करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी खालिद और उसकी बहन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और SIT जांच कर रही है।
निष्कर्ष
पेपर लीक मामले से गुस्साए युवाओं का प्रदर्शन जहां सरकार पर दबाव बना रहा है, वहीं ‘हमें चाहिए आज़ादी’ जैसे नारे सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बनकर उभरे हैं। फिलहाल प्रशासन ने हालात को काबू में रखा है, लेकिन खुफ़िया एजेंसियों की पैनी निगाह इस बात पर है कि कहीं प्रदर्शन का रुख भटक कर किसी और दिशा में न चला जाए।