तारीख – 19 नवंबर 2025, स्थान – देहरादून
देहरादून में वकीलों की ओर से बुधवार को भी चक्का जाम जारी रहा। दून बार एसोसिएशन की चेंबर निर्माण और जमीन आवंटन की प्रमुख मांगों को लेकर सरकार से हुई वार्ता बेनतीजा रही, जिसके बाद अधिवक्ताओं ने हड़ताल और आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है।
सरकार से वार्ता असफल, आंदोलन जारी
दून बार एसोसिएशन और सरकार के बीच मंगलवार को हुई बातचीत में कोई सामंजस्य नहीं बन सका। एसोसिएशन की संघर्ष समिति ने सरकार के सामने सभी प्रमुख मांगें रखीं और साफ कहा कि 48 घंटे के भीतर लिखित आश्वासन नहीं मिलने पर आंदोलन और तेज किया जाएगा।
अदालतें और रजिस्ट्रार ऑफिस ठप, जनता बेहाल
लगातार जारी आंदोलन के कारण आम जनता की परेशानियां लगातार बढ़ रही हैं। अदालतों के साथ-साथ रजिस्ट्रार ऑफिस का काम पूरी तरह बंद है। बस्ते, टाइपिंग, स्टांप वेंडर और अन्य संबंधित सेवाएं भी ठप पड़ी हैं।
हरिद्वार रोड पर वकीलों के चक्का जाम की वजह से एक सप्ताह से मार्ग परिवर्तन किए गए हैं, जिससे वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
अध्यक्ष और सचिव का निर्देश—सभी वकील रहें दूर
दून बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल और सचिव राजबीर सिंह बिष्ट ने सभी अधिवक्ताओं को आंदोलन में अनिवार्य उपस्थिति दर्ज कराने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोई भी वकील अदालत या न्यायिक कार्यालय में कार्य नहीं करेगा। रजिस्ट्रार ऑफिस में भी पूरी तरह काम बंद रहेगा।
संघर्ष समिति के प्रमुख प्रस्ताव
संघर्ष समिति ने जमीन आवंटन और चेंबर निर्माण से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रशासन के सामने रखे हैं—
1. लिखित व समयबद्ध आश्वासन अनिवार्य
सरकार की ओर से कोई भी घोषणा, फैसला या आश्वासन केवल तभी स्वीकार्य होगा, जब वह लिखित और निश्चित समय सीमा के साथ हो।
2. नई व पुरानी जिला अदालत की जमीन चेंबर के लिए देने की मांग
समिति ने नई जिला अदालत की भूमि के साथ पुरानी जिला अदालत की पूरी जमीन—कलेक्ट्रेट परिसर, हरिद्वार रोड, मंदाकिनी होटल क्षेत्र से छप्पन भोग कोर्ट रोड तक—अधिवक्ता चेंबर, पार्किंग, कैंटीन, पुस्तकालय, ऑडिटोरियम व अन्य सुविधाओं के लिए आवंटित करने का प्रस्ताव रखा।
3. दोनों अदालतों को जोड़ने के लिए अंडरपास बनाने की मांग
नई व पुरानी अदालत के बीच सड़क पार करने में होने वाली दिक्कतों और दुर्घटना की आशंका को देखते हुए समिति ने अंडरपास निर्माण की मांग उठाई।
4. निर्माण कार्य सरकार के खर्च पर, निगरानी बार एसोसिएशन की
सभी भवन, चेंबर और अंडरपास का निर्माण कार्य सरकार की एजेंसी द्वारा कराने की मांग की गई। निर्माण की निगरानी बार एसोसिएशन द्वारा नियुक्त समिति करेगी।
5. निर्माण पूरा होने तक यथास्थिति बरकरार रखने की मांग
संघर्ष समिति ने पुराने न्यायालय और कलेक्ट्रेट परिसर में किसी भी तरह का परिवर्तन न करने का प्रस्ताव पारित किया, जब तक चेंबर का पूरा निर्माण और हस्तांतरण नहीं होता।
6. जमीन के नामांतरण की मांग
पुरानी जिला अदालत की भूमि अधिवक्ता चेंबर हेतु आवंटित होते ही उसे तुरंत बार एसोसिएशन के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने की मांग रखी गई।
पहले हुए सभी नामांतरणों को रद्द करने की भी मांग शामिल है।
निष्कर्ष
देहरादून में वकीलों की हड़ताल और चक्का जाम के चलते न्याय व्यवस्था प्रभावित हो रही है, वहीं आम जनता भी जरूरी सेवाओं के ठप होने से परेशान है। संघर्ष समिति की ओर से सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया गया है। अब आगे सरकार की प्रतिक्रिया पर ही आंदोलन की दिशा निर्भर करेगी।


