देहरादून, 27 सितंबर 2025
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच और परीक्षा निरस्त करने की मांग पर बेरोजगार संघ का प्रदर्शन लगातार जारी है। आंदोलन के छठे दिन परेड ग्राउंड के बाहर माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस बीच दिल्ली से कवरेज करने आए एक पत्रकार और कैमरामैन के साथ मारपीट का मामला सामने आया है।
युवाओं को समझाने पहुंचे डीएम और एसएसपी
शुक्रवार को जिलाधिकारी सविन बंसल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने युवाओं को समझाने की कोशिश की और कहा कि वर्तमान में मामले की जांच एसआईटी कर रही है। जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि एक महीने के भीतर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।
बंसल ने युवाओं से कहा कि यदि रिपोर्ट पर संदेह होगा तो सीबीआई जांच की सिफारिश की जा सकती है। लेकिन जब तक यह रिपोर्ट सामने नहीं आती, तब तक सीबीआई जांच संभव नहीं है। बावजूद इसके, बेरोजगार संघ के सदस्य नारेबाजी करते हुए अपनी मांग पर अड़े रहे।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी का समर्थन
बेरोजगार संघ के आंदोलन को राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी का भी समर्थन मिल गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच होना जरूरी है, ताकि युवाओं का भविष्य राजनीति का शिकार न बने।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार आंदोलन को कमजोर करने के लिए हरसंभव प्रयास कर सकती है, लेकिन बेरोजगारों को अपनी एकसूत्रीय मांग पर कायम रहना चाहिए। पार्टी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जबरन आंदोलन का दमन करने की कोशिश की तो उसका कड़ा विरोध किया जाएगा।
पत्रकार और कैमरामैन के साथ मारपीट
धरना स्थल पर हालात उस समय बिगड़ गए जब कवरेज करने आए दिल्ली के न्यूज चैनल के पत्रकार सुमित तिवारी और उनके कैमरामैन उमाकांत उपाध्याय से कुछ युवाओं ने मारपीट कर दी। आरोप है कि सवाल पूछने पर उनके साथ गाली-गलौज, धक्का-मुक्की और जान से मारने की धमकी दी गई।
कैमरामैन का कैमरा भी तोड़ने की कोशिश की गई। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने हस्तक्षेप कर दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला। डालनवाला कोतवाली पुलिस ने पत्रकार की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
आंदोलन का बढ़ता दायरा
छठे दिन भी जारी यह आंदोलन अब सिर्फ बेरोजगार युवाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों की भी सक्रियता दिख रही है। लगातार बढ़ती भीड़ और समर्थन के कारण प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है।
निष्कर्ष
देहरादून में यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण को लेकर जारी आंदोलन अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। एक ओर युवा अपनी मांग पर अड़े हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार और प्रशासन जांच रिपोर्ट का इंतजार करने की अपील कर रहे हैं। पत्रकार के साथ हुई मारपीट ने आंदोलन की छवि पर भी सवाल खड़े किए हैं। आने वाले दिनों में यह आंदोलन राज्य की राजनीति और युवाओं के भविष्य पर गहरा असर डाल सकता है।