देहरादून, 21 सितम्बर 2025
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षा एक बार फिर विवादों में घिर गई है। रविवार को आयोजित परीक्षा के दौरान पेपर लीक का दावा सामने आया, जिसके बाद बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। मामला सामने आते ही देहरादून और हरिद्वार दोनों जगह हड़कंप मच गया।
5 मिनट में सोशल मीडिया पर आया पेपर का स्क्रीनशॉट
जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह 11 बजे परीक्षा शुरू हुई। हैरान करने वाली बात यह रही कि परीक्षा शुरू होने के महज पांच मिनट बाद ही बॉबी पंवार ने प्रश्नपत्र का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। उन्होंने दावा किया कि पेपर लीक हो चुका है।
पुलिस और SOG की सख्त कार्रवाई
सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होते ही उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (SOG) ने तुरंत कार्रवाई की। बॉबी पंवार को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई। जांच का मुख्य बिंदु यह है कि यह स्क्रीनशॉट सबसे पहले बॉबी के पास कैसे पहुंचा? क्या वह इस लीक का पहला स्रोत है या किसी दूसरे चैनल के जरिए यह तस्वीर उसके पास पहुंची?
हरिद्वार कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे बॉबी
उधर, हरिद्वार में भी मामला गरमाता गया। बेरोजगार संघ की ओर से UKSSSC परीक्षा के पेपर लीक का दावा किया गया था। इसी बीच, एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे बॉबी पंवार को पुलिस और सीआईयू की टीम ने हिरासत में ले लिया। उन्हें भेल सेक्टर-4 स्थित सीआईयू कार्यालय ले जाया गया, जहां उनसे कड़ी पूछताछ हो रही है।
कार्यालय के बाहर जुटे समर्थक
बॉबी पंवार की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही उनके समर्थक बड़ी संख्या में सीआईयू कार्यालय के बाहर जुट गए। समर्थकों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। फिलहाल मौके पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि हालात नियंत्रण में रहें।
मामला बेहद गंभीर
अधिकारियों के अनुसार, यह मामला बेहद गंभीर है। यदि पेपर लीक की पुष्टि होती है तो यह हजारों अभ्यर्थियों के भविष्य से जुड़ा बड़ा घोटाला साबित हो सकता है। SOG और सीआईयू दोनों स्तर पर जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
निष्कर्ष
UKSSSC परीक्षाओं से जुड़ा यह नया विवाद राज्य में युवाओं के आक्रोश को और भड़का सकता है। पेपर लीक जैसे मामले न केवल परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं बल्कि बेरोजगार युवाओं की मेहनत और भविष्य पर भी सीधा असर डालते हैं। अब सबकी निगाहें SOG और पुलिस जांच की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि इस पूरे मामले का असली सूत्रधार कौन है।