स्थान: देहरादून-दिल्ली हाइवे, आशारोड़ी चेकपोस्ट | तिथि: 23 जून 2025
देहरादून में रविवार तड़के हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे ने एक बार फिर रफ्तार की लापरवाही और सुरक्षा इंतजामों की पोल खोल दी। हरियाणा से घूमने आए पांच दोस्तों की कार, आशारोड़ी चेकपोस्ट के पास सीमेंट से लदे ट्रॉले में पीछे से जा भिड़ी। इस दिल दहला देने वाली दुर्घटना में चार युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा रविवार सुबह करीब 3:30 बजे हुआ, जब हरियाणा के सोनीपत, रोहतक और जींद जिलों के पांच युवक एक कार में सवार होकर देहरादून-हरिद्वार घूमने के लिए आ रहे थे।
जैसे ही उनकी कार आशारोड़ी चेकपोस्ट पहुंची, वहां पुलिस की चेकिंग के चलते ट्रॉले ने गति धीमी की।
लेकिन तेज रफ्तार में आ रही कार को अचानक ब्रेक लगाना पड़ा, और कार सीधे ट्रॉले के पीछे जा घुसी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार का अगला हिस्सा ट्रॉले के नीचे घुस गया और दो युवक वहीं फंस गए।
गैस कटर से काटनी पड़ी कार की बॉडी
पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर गैस कटर से कार को काटकर शवों को निकाला।
- ड्राइवर सीट और आगे बैठे युवक की मौके पर ही मौत हो चुकी थी।
- पीछे बैठे तीनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां दो को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि एक की हालत गंभीर है।
मृतक कौन थे?
नाम | जिला | जानकारी |
---|---|---|
अंकुश | सोनीपत (पुरखास धीरन) | बॉडी बिल्डर, ANM कोर्स कर रहा था |
पारस | सोनीपत (पुरखास धीरन) | तीरंदाजी कोच, अंकुश का चाचा |
अंकित | जींद (जुलाना मेरिडा) | राज्य स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी, पारस का साला |
नवीन | रोहतक (खेड़ी) | कबड्डी खिलाड़ी, सोनीपत टीम से खेलता था |
विनय (घायल) | सोनीपत | अस्पताल में भर्ती |
खेल जगत को भी लगा झटका
हादसे में जान गंवाने वाले अंकित और नवीन हरियाणा के राज्य स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी थे।
- अंकित, सोनीपत से खेलते थे और हाल ही में जिला स्तरीय प्रतियोगिता में अव्वल आए थे।
- नवीन, राज्य टीम में डिफेंडर की भूमिका में था।
- पारस, तीरंदाजी कोच थे और युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे थे।
ट्रॉला चालक फरार, पुलिस ने शुरू की तलाश
हादसे के बाद ट्रॉला चालक आफताब, निवासी शेखपुरा कदीम, कोतवाली देहात, सहारनपुर (यूपी) मौके से फरार हो गया। पुलिस ने ट्रॉला कब्जे में लेकर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश जारी है।
पोस्टमार्टम के बाद शव सौंपे गए
सूचना मिलते ही सभी मृतकों के परिजन देहरादून पहुंच गए। जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद चारों युवकों के शव स्वजनों को सौंप दिए गए।
आशारोड़ी चेकपोस्ट—एक बार फिर सुर्खियों में
यह वही आशारोड़ी चेकपोस्ट है, जो इससे पहले भी कई गंभीर हादसों का गवाह बन चुका है।
- अंधेरे में बैरिकेडिंग साफ नजर नहीं आती
- रफ्तार में आने वाले बाहरी वाहन अचानक ब्रेक लगाते हैं
- इससे अक्सर कारें, बसें और ट्रक हादसे का शिकार बनते हैं
अब सवाल उठता है कि—जब बार-बार यहां जानें जा रही हैं, तो प्रशासन कब जागेगा?
निष्कर्ष: रफ्तार, चेकिंग और अंधेरे का जानलेवा कॉम्बिनेशन
पांच युवाओं की यह यात्रा एक सुखद याद बननी थी, लेकिन चेकपोस्ट की खामियों और तेज रफ्तार ने उसे शोक में बदल दिया।
अब जरूरत है:
- उचित प्रकाश व्यवस्था की
- चेकिंग व्यवस्था के पुनः मूल्यांकन की
- और सख्त ट्रैफिक मैनेजमेंट की