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देहरादून हादसा: 19 वर्षीय छात्रा कोमा में, रुड़की की कार से जुड़ा हिट एंड रन केस — पुलिस की जांच जारी

देहरादून, 30 अक्टूबर 2025

राजधानी देहरादून में 19 वर्षीय एलएलबी छात्रा प्रज्ञा सिंह के साथ हुए हिट एंड रन मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने उस कार की पहचान कर ली है जिसने 23 अक्टूबर को छात्रा को सरोवर होटल के पास टक्कर मारी थी। यह कार रुड़की में पंजीकृत बताई जा रही है। हादसे के बाद छात्रा पिछले सात दिनों से कोमा में जिंदगी और मौत से जूझ रही है


तेज रफ्तार कार ने रौंदा, अस्पताल में कोमा में छात्रा

घटना 23 अक्टूबर की शाम लगभग 4 से 4:15 बजे के बीच की है। प्रज्ञा सिंह, जो उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में एलएलबी प्रथम वर्ष की छात्रा हैं, अपने छोटे भाई के साथ दिल्ली से लौट रही थीं। जैसे ही वह सरोवर होटल के सामने सड़क पार कर रही थीं, एक तेज रफ्तार काले रंग की कार ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गई।

हादसे में प्रज्ञा गंभीर रूप से घायल हो गईं। उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां वह अब भी आईसीयू में कोमा की स्थिति में हैं। डॉक्टरों के अनुसार, उनके मस्तिष्क में अंदरूनी रक्तस्राव बढ़ने के कारण बुधवार को ब्रेन सर्जरी की गई। अगले 48 घंटे उनके लिए बेहद नाजुक बताए जा रहे हैं।


सात काली गाड़ियों की जांच के बाद असल कार तक पहुंची पुलिस

पटेलनगर थानाध्यक्ष चंद्रभान अधिकारी ने बताया कि हादसे के वक्त प्रज्ञा के साथ उनका 13 वर्षीय भाई मौजूद था। हादसे के बाद बच्चा सदमे की हालत में था और केवल इतना बता पाया कि कार काले रंग की बड़ी गाड़ी थी। इस बयान के आधार पर पुलिस ने कारगी चौक से लेकर आईएसबीटी तक लगे कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली।

इस जांच के दौरान पुलिस को सात काली गाड़ियों के सुराग मिले। गहन जांच के बाद असली कार की पहचान हुई, जो रुड़की की रजिस्टर्ड निकली। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी में यह बात सामने आई है कि हादसे के वक्त कार एक बुजुर्ग व्यक्ति चला रहे थे। फिलहाल पुलिस चालक की पहचान कर अग्रिम कानूनी कार्रवाई की तैयारी में जुटी है।


बेटी की हालत से टूटी मां, पहले ही खो चुकी हैं पति को सड़क हादसे में

प्रज्ञा की मां आशा सिंह ने बताया कि उनके पति की साल 2013 में दिल्ली में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। पति के निधन के बाद उन्होंने 2015 में अपने तीन बच्चों के साथ दिल्ली से देहरादून आकर नया जीवन शुरू किया।

आशा सिंह ने कहा, “प्रज्ञा मेरी बड़ी बेटी है और परिवार की ताकत है। वह पढ़ाई में बहुत तेज है और हमेशा परिवार की जिम्मेदारियों में हाथ बंटाती रही है। अब उसकी ऐसी हालत देखकर मेरा दिल टूट गया है। मैं अस्पताल में बेटी के पास रह रही हूं और उसकी सलामती के लिए दिन-रात प्रार्थना कर रही हूं।”


समाज और प्रशासन से उठे सवाल — सड़क सुरक्षा अब भी उपेक्षित

यह हादसा एक बार फिर देहरादून की सड़कों पर लापरवाही से गाड़ी चलाने और यातायात नियंत्रण की कमजोर व्यवस्था को उजागर करता है। राजधानी के व्यस्त इलाकों में ओवरस्पीडिंग और हिट एंड रन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, परंतु प्रभावी रोकथाम अब भी दूर की बात लगती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को न केवल आरोपी को सख्त सजा दिलानी चाहिए बल्कि शहर के संवेदनशील स्थानों पर ट्रैफिक कंट्रोल और निगरानी व्यवस्था को और मजबूत करना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।


निष्कर्ष

देहरादून में प्रज्ञा सिंह के साथ हुआ यह हादसा केवल एक छात्रा की त्रासदी नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा की विफलता का जीवंत उदाहरण है। जब तक कड़े नियमों का पालन और यातायात अनुशासन लागू नहीं होता, तब तक ऐसे हादसे मासूम जिंदगियों को निगलते रहेंगे।

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