BREAKING

“धरती कांपी, आसमान फटा, और सब कुछ मलबे में दब गया – उत्तरकाशी के धराली में तबाही की दास्तान”

उत्तरकाशी आपदा स्पेशल रिपोर्ट | 6 अगस्त 2025

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार दोपहर आई आपदा ने लोगों की ज़िंदगी, सपने और वर्षों की कमाई को पलभर में बर्बाद कर दिया।
करीब 1:50 बजे खीरगंगा के ऊपर बादल फटा और देखते ही देखते पूरा क्षेत्र मलबे और पानी की चपेट में आ गया।

अब तक की पुष्टि:

  • 4 लोगों की मौत
  • 70 से अधिक लापता
  • 130 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू
  • 30 से अधिक होटल, घर, दुकानें तबाह
  • सेना का कैंप और हेलिपैड भी मलबे में समाया

कैसे आई तबाही? – मिनटों में उजड़ गया धराली

धराली गांव उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 70 किलोमीटर दूर स्थित है।
मंगलवार दोपहर, खीरगंगा ग्लेशियर के ऊपर अचानक बादल फट गया।
केवल 20 सेकंड में सैलाब गांव के मुख्य बाजार की ओर बढ़ा। लोग जान बचाने के लिए दौड़े, मगर बहाव की रफ्तार इतनी तेज थी कि होटल, दुकानें, घर, बागान — सब कुछ बह गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह दृश्य रोंगटे खड़े कर देने वाला था। चीख-पुकार, धूल, मलबा और तेज बहाव के बीच हर दिशा में हाहाकार मचा था।


पूरे बाजार की तस्वीर बदल गई

  • प्रसिद्ध कल्पकेदार मंदिर मलबे में समा गया।
  • दर्जनों होटल, रिसॉर्ट और सेब के बागान पूरी तरह तबाह।
  • लोगों की पुश्तैनी संपत्तियां, वर्षों का निवेश, मेहनत का फल – सब कुछ खत्म।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल गुसाईं ने बताया कि वीडियो व ग्राउंड रिपोर्ट्स के आधार पर,

  • 25–30 लोग अभी भी लापता हैं।
  • 20–25 होटल-दुकानें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं।

सेना के कैंप पर भी कहर

धराली से सटे हर्षिल क्षेत्र के तेलगाड़ में भी बादल फटने की पुष्टि हुई है।
यहां स्थित सेना का कैंप भारी नुकसान की चपेट में आया है।

  • चौकियां, बंकर और तंबू मलबे में दबे हैं।
  • हालांकि किसी जवान के हताहत होने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

सेना के हेलिपैड को भी सैलाब ने पूरी तरह बहा दिया, जिससे एयर रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावट आई है।


जबरदस्त राहत और बचाव अभियान जारी

आपदा के तुरंत बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और SDRF, NDRF, ITBP, सेना और पुलिस की टीमें मौके पर भेजी गईं।
अब तक:

  • 130 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया।
  • होटलों में फंसे पर्यटकों को निकाला गया।
  • खाद्य सामग्री और राहत किट हवाई मार्ग से भेजी जा रही हैं।

बिजली गुल, रास्ते बंद

  • मनेरी से आगे की बिजली लाइनें क्षतिग्रस्त होने से हर्षिल, गंगोत्री और भटवाड़ी क्षेत्र अंधेरे में हैं।
  • एक मुख्य पुल टूट गया है और सड़कें मलबे में धंसी पड़ी हैं, जिससे राहत टीमें पूरी तरह पैदल ही पहुंच रही हैं।

राज्य और केंद्र सरकार सतर्क

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद हवाई सर्वेक्षण किया और पीड़ितों से मुलाकात की।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर मुख्यमंत्री से आपदा की स्थिति की विस्तृत जानकारी ली और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

अब आगे क्या?

  • सेना की और टुकड़ियां, खोजी कुत्ते, ड्रोन व खुदाई मशीनें राहत कार्य में जुट चुकी हैं।
  • एयरलिफ्ट ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी है, जैसे ही मौसम थोड़ा सुधरता है।

एक त्रासदी, जो याद रह जाएगी

धराली में जो हुआ, वह सिर्फ एक मौसमीय घटना नहीं थी, बल्कि यह प्राकृतिक चेतावनी है, जो बार-बार बताती है कि हम पहाड़ों में किस तरह जी रहे हैं।
बर्बादी का मंजर दिल दहला देने वाला है — लेकिन उम्मीद अब भी जिंदा है, जवान अब भी मैदान में हैं, और उत्तराखंड फिर से उठेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *