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नई किताब का विमोचन: भारतीय ज्ञान परंपराओं की गहराई को समझने का अनूठा अवसर

दिनांक: 03 दिसंबर 2025 | स्थान: नई दिल्ली

 “एक्सप्लोरिंग इंडियन नॉलेज सिस्टम्स: फॉर क्यूरियस माइंड्स” का लोकार्पण, छात्रों और शोधार्थियों के लिए बनी उपयोगी पुस्तक

नई दिल्ली में बुधवार को “एक्सप्लोरिंग इंडियन नॉलेज सिस्टम्स: फॉर क्यूरियस माइंड्स” पुस्तक का विधिवत विमोचन किया गया। यह पुस्तक भारत की प्राचीन ज्ञान परंपराओं, दार्शनिक विचारों और सांस्कृतिक बौद्धिक धरोहर को सरल, आकर्षक और आधुनिक संदर्भों में प्रस्तुत करती है।


 एनईपी 2020 के अनुरूप तैयार, स्नातक व यूजीसी नेट छात्रों के लिए बेहद उपयोगी

लेखक के अनुसार यह पुस्तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020 के पाठ्यक्रम अनुरूप तैयार की गई है।
स्नातक स्तर पर भारतीय ज्ञान प्रणालियों का अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए यह पुस्तक एक सुलभ और स्पष्ट मार्गदर्शिका साबित होगी।

इसके साथ ही, यूजीसी नेट के अभ्यर्थियों के लिए भी यह पुस्तक वैचारिक स्पष्टता और भारतीय दर्शन की मजबूत नींव उपलब्ध कराती है।


 लेखक ने जताया आभार – ईश्वर, परिवार, यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय को धन्यवाद

पुस्तक के लेखन के अवसर पर लेखक ने ईश्वर और अपने परिवार के प्रति गहरा आभार जताया।
उन्होंने कहा कि परिवार का निरंतर प्रोत्साहन और समर्थन इस पुस्तक की रचना के दौरान सबसे बड़ा प्रेरणा-स्रोत रहा।

साथ ही यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय का भी धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों संस्थान भारतीय ज्ञान परंपराओं के प्रति छात्रों में जागरूकता बढ़ाने का सराहनीय कार्य कर रहे हैं।


 छात्रों, शिक्षकों और ज्ञान-प्रेमियों के लिए अनिवार्य पठन

लेखक ने सभी पाठकों—विशेषकर छात्रों, शिक्षकों और ज्ञान की खोज में लगे लोगों—से अपील की कि वे इस पुस्तक को केवल एक पाठ्य सामग्री नहीं बल्कि भारतीय परंपरागत ज्ञान और आधुनिक चिंतन के बीच सेतु की तरह पढ़ें।


 कहां मिलेगी पुस्तक? ऑनलाइन उपलब्ध

पुस्तक को पाठक निम्न लिंक से प्राप्त कर सकते हैं:

Amazon: https://www.amazon.in/dp/9349988607
Flipkart: https://www.flipkart.com/product/p/itme?pid=9789349988606


 निष्कर्ष

“एक्सप्लोरिंग इंडियन नॉलेज सिस्टम्स: फॉर क्यूरियस माइंड्स” न केवल छात्रों और शोधार्थियों के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण पुस्तक है जो भारत के ज्ञान-विज्ञान, संस्कृति और चिंतन परंपरा को समझना चाहता है।
इसका विमोचन भारतीय ज्ञान को नई पीढ़ी तक पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

लेखिका: अतुल्य वर्मा

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