उत्तराखंड | शिक्षा
टिहरी/देहरादून | 15 दिसंबर 2025
उत्तराखंड में विधि शिक्षा को मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए नरेंद्र नगर (टिहरी गढ़वाल) में लॉ कॉलेज खोलने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके लिए डागर क्षेत्र में मानकों के अनुरूप भूमि का चयन कर लिया गया है। हालांकि, प्रदेश में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) की स्थापना को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
मुख्यमंत्री की घोषणा पर आगे बढ़ी प्रक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नरेंद्र नगर में लॉ कॉलेज खोलने की घोषणा अक्टूबर 2021 में श्री कंजापुरी पर्यटन एवं विकास मेले के दौरान की थी। अब इस घोषणा को जमीन पर उतारने की तैयारी अंतिम चरण में पहुंच गई है।
डागर में मिली मानक के अनुरूप जमीन
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि लॉ कॉलेज के लिए डागर क्षेत्र में आवश्यक मानकों के अनुरूप भूमि उपलब्ध करा दी गई है। वित्त विभाग से जैसे ही प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी मिलेगी, नए वर्ष की शुरुआत में निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पर अब भी असमंजस
जहां एक ओर नरेंद्र नगर में लॉ कॉलेज का रास्ता साफ हो गया है, वहीं उत्तराखंड में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की स्थापना को लेकर तस्वीर अब भी स्पष्ट नहीं हो पाई है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि छत्तीसगढ़ (2003) और झारखंड (2010) जैसे एक साथ बने राज्यों में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी वर्षों पहले स्थापित हो चुकी है, लेकिन उत्तराखंड में अब तक इसके लिए स्थायी भूमि का चयन नहीं हो पाया है।
नैनीताल से रानीपोखरी तक बदलता रहा स्थान
शुरुआत में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को नैनीताल में स्थापित करने की योजना थी, लेकिन वहां भूमि उपलब्ध न होने के कारण योजना आगे नहीं बढ़ सकी।
इसके बाद मार्च 2019 में रानीपोखरी के लिस्ट्राबाद गांव में विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया गया। हालांकि, विभागीय अधिकारियों के अनुसार वहां संपर्क मार्ग की समस्या और स्थान चयन से जुड़े विवाद के चलते परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई।
10 एकड़ भूमि में हुआ था शिलान्यास
रानीपोखरी के लिस्ट्राबाद में रेशम विभाग की 10 एकड़ भूमि पर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया गया था। शुरुआती कार्यों के लिए 50 लाख रुपये भी स्वीकृत किए गए, लेकिन शिलान्यास के बाद निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। स्थान चयन को लेकर उठे सवालों ने पूरी योजना को ठप कर दिया।
निष्कर्ष
नरेंद्र नगर में लॉ कॉलेज की स्थापना से प्रदेश के छात्रों को विधि शिक्षा का नया अवसर मिलेगा, लेकिन नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को लेकर जारी अनिश्चितता राज्य की उच्च शिक्षा नीति पर सवाल खड़े करती है। अब निगाहें सरकार के अगले फैसले पर टिकी हैं कि कब उत्तराखंड को उसकी बहुप्रतीक्षित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की सौगात मिल पाएगी।


