नई दिल्ली/पुणे, 13 अगस्त 2025
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ पुणे की विशेष एमपी/एमएलए अदालत में चल रहे मानहानि मामले में बुधवार को एक बड़ा मोड़ आया। राहुल गांधी के वकील मिलिंद दत्तात्रेय पवार ने अदालत में अर्जी देकर दावा किया था कि उनके मुवक्किल को शिकायतकर्ता सात्यकि सावरकर से जान का खतरा है। हालांकि, कुछ ही घंटों बाद वकील ने कहा कि यह आवेदन उन्होंने राहुल गांधी से बिना परामर्श किए दाखिल किया था और अब इसे गुरुवार को कोर्ट में वापस ले लिया जाएगा।
मामला कैसे शुरू हुआ
यह मानहानि मुकदमा सात्यकि सावरकर — जो स्वातंत्र्य वीर सावरकर के पौत्र हैं — ने 2023 में राहुल गांधी के एक भाषण को लेकर दायर किया था। आरोप है कि राहुल ने अपने लंदन दौरे में दिए भाषण में सावरकर के लेखन का हवाला देते हुए कहा था कि सावरकर और अन्य लोगों ने एक मुस्लिम व्यक्ति पर हमले से “आनंद की अनुभूति” होने की बात कही थी।
सात्यकि सावरकर ने इस टिप्पणी को झूठा, भ्रामक और मानहानिकारक बताते हुए राहुल गांधी को आईपीसी की धारा 500 के तहत दोषी ठहराने और सीआरपीसी की धारा 357 के तहत मुआवजे की मांग की थी।
वकील की अर्जी में क्या लिखा था
बुधवार को दायर अर्जी में कहा गया था कि सात्यकि सावरकर की वंशानुगत पृष्ठभूमि — जिसमें महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे और गोपाल गोडसे, तथा विनायक दामोदर सावरकर के परिवार से संबंध का उल्लेख था — को देखते हुए राहुल गांधी की जान को खतरा है। अर्जी में यह भी कहा गया कि महात्मा गांधी की हत्या एक विचारधारा-आधारित सुनियोजित षड्यंत्र का परिणाम थी और हाल के राजनीतिक आंदोलनों के चलते खतरा और बढ़ गया है।
इसके साथ ही अर्जी में संसद में राहुल गांधी द्वारा 11 अगस्त को ‘वोट चोर सरकार’ का नारा देने, मतदाता सूची में अनियमितताओं के दस्तावेज पेश करने और उन्हें मिली दो सार्वजनिक धमकियों का भी जिक्र था — जिनमें एक केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू द्वारा उन्हें “देश का नंबर एक आतंकवादी” कहना और दूसरी भाजपा नेता तरविंदर सिंह मारवाह की धमकी शामिल है।
वकील का यू-टर्न
अर्जी दाखिल करने के कुछ ही घंटे बाद वकील मिलिंद पवार ने कहा कि यह आवेदन उन्होंने राहुल गांधी से बिना पूछे दायर किया था और राहुल इस दावे से असहमत हैं। इसलिए यह अर्जी अगली पेशी में, यानी गुरुवार को, औपचारिक रूप से वापस ले ली जाएगी।
अगली सुनवाई
पुणे की विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने इस मानहानि मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर 2025 को तय की है। तब तक यह देखना होगा कि अब बचाव पक्ष की रणनीति में क्या बदलाव आता है और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।