देहरादून, 27 जुलाई 2025 —
पुष्पांजलि इंफ्राटेक घोटाले में बिल्डर दीपक मित्तल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कंपनी के सह-संस्थापक और मौजूदा समय में जेल में बंद राजपाल वालिया के सनसनीखेज खुलासे से प्रवर्तन निदेशालय (ED) और पुलिस की जांच को नया आधार मिल गया है।
वालिया ने आरोप लगाया है कि दीपक मित्तल ने 2019-2020 के बीच कंपनी के खातों से 7.46 करोड़ रुपये निकालकर तीन अलग-अलग व्यक्तियों के खातों में ट्रांसफर किए— जिनमें देहरादून निवासी मनीष गुप्ता, मनीष गर्ग और उनकी पत्नी विनीता गर्ग शामिल हैं।
कैसे हुआ ट्रांजैक्शन का खेल?
- मनीष गुप्ता को दिसंबर 2019 में सात बार में भेजे गए 3.32 करोड़ रुपये
- मनीष गर्ग को दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 के बीच 2.47 करोड़ रुपये
- विनीता गर्ग के खाते में गए 1.71 करोड़ रुपये
गौरतलब है कि इन सभी रकमों को बाद में पुष्पांजलि की ही एक परियोजना ऑर्किड पार्क में निवेश करवा दिया गया, जहां इन लोगों ने कुल 14 फ्लैट बुक कराए।
इससे यह स्पष्ट होता है कि बिल्डर मित्तल ने कंपनी से अवैध रूप से निकाले गए धन को अपनी ही परियोजना में दोबारा घुमाकर निवेश करवाया, जिससे उसका नियंत्रण परियोजना पर बना रहे।
एनसीएलटी में चल रही दिवालियापन प्रक्रिया
पुष्पांजलि के 90 फ्लैट खरीदारों ने एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में याचिका दायर कर कंपनी को दिवालिया घोषित करने और किसी अन्य बिल्डर के जरिये अधूरी परियोजनाएं पूरी कराने की मांग की है।
सूत्रों का कहना है कि एनसीएलटी उन फ्लैट बुकिंग्स को रद्द कर सकती है, जो कंपनी के ही पैसे से किए गए हों, यानी गर्ग दंपती और गुप्ता द्वारा की गई बुकिंग खतरे में है।
शरद अग्रवाल पर भी लटक रही कार्रवाई की तलवार
इस घोटाले की एक और अहम कड़ी के रूप में ठेकेदार शरद अग्रवाल का नाम सामने आया है। जांच में पता चला है कि दीपक मित्तल ने कंपनी खाते से साढ़े तीन करोड़ रुपये शरद को ट्रांसफर किए और उसी दिन यह रकम उनकी पत्नी राखी मित्तल के अकाउंट में भेज दी गई।
ईडी ने इस संबंध में जांच तेज कर दी है और संभावना जताई जा रही है कि शरद अग्रवाल को भी जल्द आरोपी बनाया जा सकता है।
जांच एजेंसियों के लिए प्रमुख बिंदु
- जिन लोगों को कंपनी से पैसा ट्रांसफर किया गया, उन्हें पूछताछ में शामिल करना आवश्यक।
- फरारी से पहले दीपक मित्तल ने अपना 25 करोड़ का बंगला मात्र 5 करोड़ में बेच दिया— इस सौदे की गहन जांच और संपत्ति की जब्ती जरूरी।
- ठेकेदार शरद अग्रवाल पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई हो सकती है।
दीपक मित्तल अब भी फरार, लेकिन जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा
जबकि दीपक मित्तल और उनकी पत्नी अभी भी फरार हैं, जांच एजेंसियां अब ट्रांजैक्शन की हर कड़ी को जोड़ने में लगी हैं। राजपाल वालिया के बयानों ने इस केस को मनी लॉन्ड्रिंग की बड़ी साजिश की ओर मोड़ दिया है, जिसमें कई अन्य नाम भी जल्द सामने आ सकते हैं।