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पूर्व सैनिक सहयोग संगठन, देहरादून ने धूमधाम से मनाया स्थापना दिवस

पूर्व सैनिकों ने देश सेवा की यादों के साथ किया सामूहिक भोज, समाज सेवा के लिए बढ़ाया कदम


देहरादून, 26 अक्टूबर 2025

राजधानी देहरादून में पूर्व सैनिक सहयोग संगठन का प्रथम स्थापना दिवस रविवार को बड़े हर्षोल्लास और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया गया। यह संगठन पूर्व सैनिकों, अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस के सभी पदों के कर्मियों को एक मंच पर जोड़ता है। कार्यक्रम में बद्रीश कॉलोनी, राजीव नगर और नेहरू कॉलोनी के कुल 31 पूर्व सैनिकों ने भाग लिया और अपने गौरवशाली सैनिक जीवन को याद करते हुए देश सेवा की भावनाओं को पुनर्जीवित किया।


स्थापना दिवस पर हुआ सामूहिक भोज और सम्मान समारोह

कार्यक्रम की शुरुआत देशभक्ति गीतों और दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद संगठन के सदस्यों ने एकता और अनुशासन की मिसाल पेश करते हुए सामूहिक भोज का आयोजन किया। इस अवसर पर उपस्थित पूर्व सैनिकों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि देश सेवा के बाद समाज सेवा में सक्रिय रहना ही असली संतोष देता है।


अध्यक्ष ने दिया नई पीढ़ी को देश सेवा का संदेश

संगठन के अध्यक्ष राजेंद्र भट्ट ने अपने संबोधन में कहा,

“हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को देश और राज्य सेवा के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि उनका जीवन अनुशासित और उद्देश्यपूर्ण बने।”

उन्होंने कहा कि संगठन का उद्देश्य केवल पूर्व सैनिकों को एकजुट करना ही नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी है।


देश सेवा से समाज सेवा तक – संगठन का संकल्प

संगठन के महासचिव चित्रपाल सजवाण ने कहा कि पूर्व सैनिकों ने जिस निष्ठा से देश की सेवा की, उसी भावना से वे अब समाज सेवा में योगदान दे रहे हैं।

“देश सेवा की है, समाज सेवा कर रहे हैं और करते रहेंगे” — इस भावना को हमें अपने जीवन का मूल मंत्र बनाना चाहिए, ताकि समाज में पूर्व सैनिकों की भूमिका और भी प्रभावशाली बने।


वरिष्ठ संरक्षकों ने रखी राज्य स्थापना दिवस मनाने की बात

संगठन के वरिष्ठ संरक्षक एस.पी. राजेंद्र बलूनी (रिटायर्ड) और कैप्टन आनंद रावत ने कहा कि संगठन स्थापना दिवस के साथ-साथ राज्य स्थापना दिवस को भी मिलकर मनाया जाना चाहिए, ताकि राज्य के निर्माण में पूर्व सैनिकों के योगदान को नई पहचान मिल सके।


कार्यक्रम में इन पूर्व सैनिकों की रही विशेष उपस्थिति

इस अवसर पर कई सम्मानित पूर्व सैनिक और अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें
कैप्टन राजेंद्र रावत, कैप्टन विधान रावत, सूबेदार मेजर रामस्वरूप सुंडली, सूबेदार सुमन सजवाण, कैप्टन अर्जुन गुसाईं, कैप्टन नरेंद्र बागड़ी, डिप्टी एस.पी. कैलाश कोठियाल (रिटायर्ड), और सूबेदार संजय कुकरेती प्रमुख रूप से शामिल रहे।


निष्कर्ष:
पूर्व सैनिक सहयोग संगठन का यह स्थापना दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि देशभक्ति, एकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करने का प्रतीक बना। संगठन ने भविष्य में समाजिक विकास, युवा मार्गदर्शन और राज्य निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।

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