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पौड़ी आपदा: सैंजी गांव पहुंचे मुख्यमंत्री धामी, पीड़ितों को बंधाया हौंसला, आंखें नम कर देंगी राहत की ये तस्वीरें

पौड़ी, 7 अगस्त 2025

उत्तराखंड की आपदा से कराहते सैंजी गांव में आज उम्मीद की एक किरण दिखाई दी, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं ग्रामीणों के बीच पहुंचे। अपने हाथों से पीड़ितों के आंसू पोंछते हुए उन्होंने न सिर्फ उन्हें दिलासा दिया, बल्कि आश्वासन दिया कि सरकार हर पीड़ित के साथ खड़ी है।

थराली से लौटते ही मुख्यमंत्री धामी, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के साथ पौड़ी के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे और उन्होंने जमीनी हकीकत का स्वयं जायज़ा लिया। इस दौरान सैंजी गांव की तंग गलियों और मलबे से भरे रास्तों से गुजरते हुए मुख्यमंत्री सीधे उन घरों तक पहुंचे जो हालिया बारिश और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।


स्थलीय और हवाई निरीक्षण दोनों – राहत में कोई कसर नहीं

  • थलीसैंण तहसील के बांकुड़ा और अन्य इलाकों का पहले हवाई सर्वेक्षण किया गया
  • इसके बाद मुख्यमंत्री ने पैदल चलकर सैंजी गांव का दौरा किया
  • उन्होंने प्रभावितों से सीधी बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनीं
  • मुख्यमंत्री ने हर घर जाकर लोगों का हाल जाना और कहा: “आपदा की इस घड़ी में कोई अकेला नहीं है, सरकार हर समय आपके साथ खड़ी है।”

प्रभावितों को मिला राहत का भरोसा और सहायता

मुख्यमंत्री धामी ने मौके पर ही प्रभावितों को राहत चेक वितरित किए:

  • सैंजी गांव के 15 प्रभावित परिवारों को ₹1,30,000 की आर्थिक सहायता दी गई लाभार्थी: प्रभादेवी, नीलम भंडारी, भगत सिंह, पवन सिंह, विमला देवी, शाखा देवी, पवेली देवी, विमल सिंह आदि
  • ग्राम बुरांसी में आपदा में जान गंवाने वाली आशादेवी के परिजनों को ₹2 लाख लाभार्थी: अनिल सिंह, शुभम सिंह
  • विक्रम सिंह और दीपक सिंह को ₹2 लाख की सहायता राशि
  • केशर सिंह के आवासीय भवन की क्षति पर ₹1,30,000 की मदद

स्वास्थ्य सुविधाएं भी होंगी सुदृढ़

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल यूनिट्स नियमित तौर पर प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण करें।

  • बीमार, वृद्ध, गर्भवती महिलाएं और बच्चे प्राथमिकता में
  • मौके पर ही चिकित्सा परामर्श और आवश्यक उपचार उपलब्ध कराया जाएगा

पुनर्वास कार्यों में तेजी और पारदर्शिता का निर्देश

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि राहत और पुनर्वास कार्यों में कोई कोताही न हो।

  • प्रभावितों का त्वरित पुनर्वास और विस्थापन सुनिश्चित किया जाए
  • अतिवृष्टि से हुई क्षति का वैज्ञानिक आकलन करवाया जाए
  • पहले चरण में गांवों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाए
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान से क्षेत्र का भू-सर्वेक्षण करवाया जाएगा

पुनर्वास के लिए बनेगी विशेष समिति

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने घोषणा की कि:

“पुनर्वास कार्यों की निगरानी और क्रियान्वयन के लिए विशेष समिति गठित की जाएगी। जिन लोगों के मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं, उन्हें प्राथमिकता पर सहायता दी जाएगी।”


तस्वीरों में दिखा संवेदना और सेवा का भाव

मुख्यमंत्री के दौरे की तस्वीरें और वीडियो हर किसी को भावुक कर रहे हैं

  • किसी वृद्ध महिला के कांपते कंधों पर हाथ रखकर ढांढस बंधाते मुख्यमंत्री
  • मलबे के बीच एक छोटे बच्चे को सहारा देते मंत्री
  • बरसात में भीगते हुए सड़क के किनारे खड़े ग्रामीणों को चुपचाप सुनते अधिकारी

ये दृश्य साबित करते हैं कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि सिर्फ दूर से निर्देश नहीं दे रहे, बल्कि खुद ज़मीन पर हैं।


सैंजी की आपदा: एक झलक

  • लगातार बारिश से भूस्खलन और जलजमाव
  • मकान, दुकान, खेत और रास्ते बर्बाद
  • कई परिवार बेघर और विस्थापित
  • प्रशासन द्वारा राहत शिविरों की स्थापना जारी

निष्कर्ष: सरकार मैदान में, जनता के साथ

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में हर साल प्राकृतिक आपदाएं आती हैं, लेकिन इस बार सरकार का रुख फील्ड-एक्शन और मानवीय संवेदना से भरा हुआ है। मुख्यमंत्री का यह दौरा सिर्फ प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि लोगों को यह जताने की कोशिश है कि राज्य और सरकार संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ी है।

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