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 बेरीनाग कॉलेज में छात्राओं से छेड़छाड़ का मामला तूल पकड़ता हुआ, महिला आयोग ने वायरल वीडियो पर लिया संज्ञान, आरोपी प्राध्यापक पर कठोर कार्रवाई के आदेश

दिनांक: 02 दिसंबर 2025 | स्थान: पिथौरागढ़/बेरीनाग

 छात्राओं की गरिमा पर हमला, महिला आयोग सख्त — “किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा”

बेरीनाग महाविद्यालय में छात्राओं से छेड़छाड़ के गंभीर आरोपों ने पूरे जिले में हड़कंप मचा दिया है।
मामला तब उजागर हुआ जब एक पीड़ित छात्रा ने प्राध्यापक के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद आरोपी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
वीडियो सामने आते ही समाज में आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी।


 महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने स्वतः संज्ञान लिया

उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने वायरल वीडियो को आधार मानते हुए मामले को अत्यंत संवेदनशील व गंभीर बताते हुए तुरंत स्वतः संज्ञान लिया।
उन्होंने तुरंत जिलाधिकारी पिथौरागढ़ से फोन पर बातचीत कर आरोपी प्राध्यापक के खिलाफ त्वरित, निष्पक्ष और कठोरतम कार्रवाई करने के स्पष्ट निर्देश दिए।


 “छात्राओं की गरिमा और सुरक्षा सर्वोच्च—दोषियों को नहीं मिलेगी कोई ढिलाई” : कंडवाल

अध्यक्ष कंडवाल ने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा और सम्मान से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।
दोषी पाए जाने पर आरोपी प्राध्यापक को कानून के तहत सबसे कड़ी सजा सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने इसे “अत्यंत निंदनीय और चिंताजनक” बताते हुए कहा कि ऐसे कृत्य न केवल संस्थान की प्रतिष्ठा को धूमिल करते हैं, बल्कि छात्राओं के मनोबल, आत्मविश्वास और शिक्षा वातावरण पर भी गहरा नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।


 कॉलेज प्रशासन ने पीड़िता को सुरक्षा और मानसिक सहयोग का आश्वासन दिया

घटना सामने आने के बाद महाविद्यालय प्रशासन ने भी पीड़िता को पूर्ण सुरक्षा, संवेदनशीलता और मानसिक संबल प्रदान करने का भरोसा दिलाया है।
कॉलेज ने कहा कि छात्राओं की सुरक्षा संस्थान की सर्वोच्च प्राथमिकता है और मामले की पूरी पारदर्शिता से जांच की जाएगी।


 आयोग रखेगा लगातार निगरानी, किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं

महिला आयोग की अध्यक्ष ने साफ कहा है कि पूरे मामले पर आयोग लगातार निगरानी रखेगा और जांच प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि पीड़िता को हर स्तर पर न्याय और सुरक्षा मिले।


 निष्कर्ष

बेरीनाग महाविद्यालय में छेड़छाड़ का यह मामला एक बार फिर शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था और शिक्षक-छात्र विश्वास की गंभीरता को उजागर करता है।
महिला आयोग की त्वरित प्रतिक्रिया और कार्रवाई से उम्मीद है कि पीड़ित छात्रा को न्याय मिलेगा और ऐसे मामलों पर सख्त नियंत्रण स्थापित होगा।

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