देहरादून | 9 दिसंबर 2025
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बेरोजगार नर्सिंग कर्मियों के साथ कथित मारपीट के विरोध में महिला कांग्रेस सड़कों पर उतर आई। मंगलवार को बड़ी संख्या में महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सचिवालय कूच का प्रयास किया, जिसे पुलिस ने सुभाष रोड पर बेरिकेडिंग लगाकर रोक लिया। इसके बाद प्रदर्शन कर रही महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर गिरफ्तार कर लिया गया।
सुभाष रोड पर रोका गया कूच, कार्यकर्ता हिरासत में
महिला कांग्रेस की ओर से यह कूच बेरोजगार नर्सिंग कर्मियों के समर्थन में किया गया था। पुलिस ने सुरक्षा कारणों से सचिवालय जाने से पहले ही आंदोलनकारियों को रोक दिया। इसके बाद सभी प्रदर्शनकारियों को पुलिस वैन में बैठाकर एकता विहार क्षेत्र में छोड़ा गया।
प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में प्रदर्शन
प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें रख रहे बेरोजगार नर्सिंग कर्मियों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किया गया, जो पूरी तरह निंदनीय है।
मुख्यमंत्री आवास कूच के दौरान हुई झड़प का मुद्दा भी उठा
नर्सिंग एकता मंच के नेतृत्व में सोमवार को सैकड़ों बेरोजगार नर्सिंग कर्मियों ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया था। इस दौरान हाथीबड़कला क्षेत्र में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच करीब दो घंटे तक झड़प चली।
प्रदर्शन के दौरान एक महिला पुलिसकर्मी पर आंदोलन में शामिल एक महिला के साथ मारपीट का आरोप भी लगाया गया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसी घटना के विरोध में महिला कांग्रेस ने मंगलवार को आंदोलन किया।
नर्सिंग एकता मंच की मांगें वर्षों से लंबित
नर्सिंग एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष नवल पुंडीर ने बताया कि संगठन पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहा है। प्रमुख मांगों में वर्षवार भर्ती प्रक्रिया शुरू करना, आयु सीमा में छूट देना और नर्सिंग अभ्यर्थियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना शामिल है।
उन्होंने कहा कि सोमवार का मुख्यमंत्री आवास कूच इन्हीं लंबित मांगों को लेकर किया गया था।
निष्कर्ष
बेरोजगार नर्सिंग कर्मियों के मुद्दे ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। महिला कांग्रेस की सक्रियता और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने सरकार व पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि जल्द ही मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो यह आंदोलन और तेज होने के संकेत दे रहा है, जिससे राजधानी की सियासत और गर्मा सकती है।


