स्थान: देहरादून | दिनांक: 24 जुलाई 2025
LUCC चिटफंड घोटाले पर अब CBI का शिकंजा, धामी सरकार ने दिखाई सख्ती
उत्तराखंड की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था में हलचल मचाने वाले LUCC चिटफंड घोटाले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) करेगी। राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, व्यापक निवेशक धोखाधड़ी के इस मामले की CBI से जांच कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय पर मुहर लगाते हुए साफ संकेत दे दिए हैं कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं है।
क्या है LUCC चिटफंड घोटाला?
लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट थ्रिफ्ट कोऑपरेटिव सोसाइटी (LUCC) नाम की कंपनी ने उत्तराखंड सहित कई राज्यों में आम लोगों को दोगुना रिटर्न देने का झांसा देकर करोड़ों की रकम निवेश करवाई।
- निवेशकों को मोटे लाभ का लालच दिया गया।
- कंपनी ने भारी भरकम निवेश जुटाया, फिर पदाधिकारी फरार हो गए।
- उत्तराखंड में 13 मामले दर्ज हैं।
- देश के अन्य राज्यों में 70 से ज्यादा FIRs हो चुकी हैं।
- वर्तमान में राज्य स्तर पर CID जांच जारी है, जो अब CBI को ट्रांसफर की जाएगी।
कार्बेट सफारी घोटाला: दो पूर्व DFO के खिलाफ मुकदमा तय
LUCC घोटाले के साथ ही मुख्यमंत्री ने एक और अहम फैसला लेते हुए कार्बेट टाइगर रिजर्व के पाखरो टाइगर सफारी निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में शामिल दो अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुमति दे दी है।
इनमें शामिल हैं:
- अखिलेश तिवारी – तत्कालीन DFO, कालागढ़ टाइगर रिजर्व
- किशन चंद – तत्कालीन DFO
दोनों अधिकारियों पर CBI जांच रिपोर्ट के आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस चलाने का आदेश जारी हुआ है। जांच में इन अधिकारियों पर सरकारी धन के दुरुपयोग, नियमों की अनदेखी और फर्जी बिलिंग जैसे आरोप सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री का संदेश: “भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा”
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो टूक कहा,
“राज्य की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी भ्रष्टाचार मामले को हम छोड़ने वाले नहीं हैं। चाहे वह आम जनता के धन से जुड़ा हो या वन विभाग की योजनाओं से, हर घोटाले की जांच कराई जाएगी और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।”
क्या होगा आगे?
- LUCC मामले की जांच अब CBI करेगी, जिसमें केंद्रीय एजेंसी देशभर में दर्ज मामलों को समन्वित करेगी।
- पाखरो टाइगर सफारी मामले में दोनों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई जल्द शुरू होगी।
- निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए कंपनी की संपत्तियों की जब्ती और नीलामी की संभावना भी बढ़ गई है।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड में भ्रष्टाचार पर सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है। LUCC चिटफंड घोटाले की CBI जांच और टाइगर सफारी निर्माण में दोषियों के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी, राज्य की भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासनिक नीति का स्पष्ट संकेत है।