दिनांक: 12 दिसंबर 2025
स्थान: देहरादून/भगवानपुर, रुड़की
खांसी का सिरप पीने के बाद अचानक बिगड़ी तबीयत
रुड़की के भगवानपुर क्षेत्र में रहने वाली तीन वर्षीय मासूम गर्विका के स्वास्थ्य के साथ बड़ा हादसा होते–होते टल गया। परिजनों ने खांसी आने पर निजी चिकित्सक की सलाह पर उसे खांसी का सिरप पिला दिया, लेकिन सिरप पीते ही बच्ची की स्थिति अचानक बिगड़ने लगी।
निजी अस्पताल में बिगड़ती चली गई स्थिति, पहुंच गई कोमा में
परिजन घबराकर गर्विका को देहरादून के एक निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां स्थिति और गंभीर हो गई। बच्ची धीरे-धीरे कोमा की हालत में पहुंच गई।
परिजनों के अनुसार, निजी अस्पताल के डॉक्टर उसके इलाज में असमर्थ दिखे और हाथ खड़े कर दिए।
दून अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती, वेंटिलेटर पर रखा गया
इसके बाद 2 दिसंबर की रात परिजन गर्विका को तत्काल दून अस्पताल लेकर पहुंचे।
यहां बाल रोग विशेषज्ञों की टीम ने तुरंत इलाज शुरू किया और बच्ची को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। खून सहित कई आवश्यक जांचें कराई गईं।
छह दिसंबर को लौटी होश की किरण
लगातार उपचार के बाद 6 दिसंबर की सुबह बच्ची को होश आना शुरू हुआ। बच्ची के सुधरते स्वास्थ्य को देखकर परिजनों ने राहत की सांस ली। दून अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि समय पर सही उपचार मिलने से बच्ची की जान बच गई।
बुधवार को मिली छुट्टी, अब पूरी तरह स्वस्थ
लगभग चार दिनों के गहन उपचार के बाद बुधवार को गर्विका को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची अब पूरी तरह स्वस्थ है और किसी बड़ी चिंता की आवश्यकता नहीं है।
डॉक्टर का बयान
डॉ. आर.एस. बिष्ट, चिकित्सा अधीक्षक, दून अस्पताल ने बताया—
“कफ सिरप पीने के बाद बच्ची की हालत गंभीर हो गई थी। परिजन उसे कोमा की स्थिति में लेकर आए थे। टीम ने निरंतर प्रयास किया और अब बच्ची पूर्णतः स्वस्थ है।”
निष्कर्ष
यह घटना स्पष्ट करती है कि छोटे बच्चों को दवा देने से पहले पूर्ण जानकारी लेना बहुत आवश्यक है। किसी भी सिरप या दवा की मात्रा गलत होने पर हालात गंभीर हो सकते हैं। समय पर सही चिकित्सा और विशेषज्ञ उपचार ने इस मासूम की जान बचाई।


