मसूरी/देहरादून। पर्यटन नगरी मसूरी में बृहस्पतिवार को भीषण जाम ने एक बुजुर्ग पर्यटक की जान ले ली। दिल्ली से छह अन्य रिश्तेदारों के साथ मसूरी घूमने आए 62 वर्षीय कमल किशोर टंडन की अचानक तबीयत बिगड़ गई, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
परिवार का आरोप है कि एंबुलेंस देहरादून से समय पर नहीं पहुंच सकी और वैकल्पिक वाहन से निकलने के बावजूद, करीब 45 मिनट तक ट्रैफिक में फंसे रहने के कारण समय पर इलाज नहीं मिल सका।
लाइब्रेरी क्षेत्र में ठहरे थे, अचानक बिगड़ी तबीयत
मृतक के भतीजे अर्जुन कपूर ने बताया कि उनका परिवार दिल्ली से मसूरी घूमने आया था और सभी लाइब्रेरी चौक के पास एक होटल में ठहरे थे। बृहस्पतिवार को तेज बारिश और ठंड के बीच अचानक कमल किशोर की तबीयत बिगड़ गई। परिजनों को आशंका है कि उन्हें हार्ट अटैक आया था।
एंबुलेंस नहीं पहुंची समय पर, जाम बना बाधा
परिजनों ने तुरंत एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन बताया गया कि एंबुलेंस देहरादून से आएगी, जिसमें देर हो सकती है। इस पर परिजन खुद ही निजी वाहन से अस्पताल की ओर रवाना हुए, लेकिन मोतीलाल नेहरू रोड, गांधी चौक और किंग्रेग मार्ग पर भीषण जाम में फंसे रह गए।
पुलिस की कोशिश नाकाफी साबित हुई
अर्जुन कपूर ने बताया कि पुलिस ने रास्ता दिलाने की कोशिश की, लेकिन जाम इतना ज़्यादा था कि कोई फायदा नहीं हुआ। जब तक वे अस्पताल पहुंचे, तब तक कमल किशोर ने दम तोड़ दिया।
स्थानीय लोगों की नाराजगी
स्थानीय निवासी शलभ गर्ग और अन्न गर्ग ने बताया कि मसूरी के प्रमुख मार्गों पर बृहस्पतिवार को ट्रैफिक का दबाव बेहद अधिक था। कोतवाल संतोष कुंवर ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है, लेकिन पर्यटन सीजन को देखते हुए सभी प्रमुख चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात हैं।
परिजनों ने उठाए सवाल
परिजनों ने प्रशासन से मांग की है कि मसूरी जैसे पर्यटन स्थलों पर स्थानीय अस्पतालों की जानकारी, मेडिकल किट और होटल स्टाफ की मेडिकल ट्रेनिंग को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, भारी वाहनों को किंग्रेग के ऊपर आने से रोकने की भी बात कही।
यह घटना पर्यटन स्थलों पर बुनियादी सुविधाओं की कमी और ट्रैफिक प्रबंधन की विफलता की ओर इशारा करती है।
प्रशासन के लिए यह चेतावनी है कि पर्यटन के बढ़ते दबाव के बीच अब इमरजेंसी सेवाओं की पहुँच सुनिश्चित करना वक्त की जरूरत है।