स्थान: देहरादून | तारीख: 10 जून 2025
देहरादून:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 11 साल पूरे होने पर जहां भाजपा इसे “सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण” के उत्सव के रूप में मना रही है, वहीं कांग्रेस ने इस अवसर पर तीखा हमला बोला है। पार्टी का कहना है कि सरकार ने एक भी वादा पूरा नहीं किया और जनता से लगातार विश्वासघात हुआ है।
“वादा तो बहुत किए, लेकिन निभाया एक भी नहीं” – लालचंद शर्मा
महानगर कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष लालचंद शर्मा ने देहरादून में प्रेस वार्ता करते हुए केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा:
“2014 में जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई, तब अच्छे दिन लाने, दो करोड़ नौकरियों, महंगाई पर लगाम और काले धन की वापसी जैसे वादे किए गए थे। आज 11 साल बाद न कोई वादा पूरा हुआ और न ही जनता को राहत मिली।”
“सेवा और सुशासन दिवस नहीं, विश्वासघात दिवस है”
लालचंद शर्मा ने भाजपा द्वारा 11 साल पूरे होने पर ‘सेवा और सुशासन दिवस’ मनाने को “हास्यास्पद” बताया। उन्होंने कहा कि:
“जो सरकार महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार रोकने में असफल रही हो, वह सुशासन की बात करे तो यह देश के युवाओं और गरीबों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है।”
बेरोजगारी और महंगाई पर कांग्रेस के सवाल
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि:
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बेरोजगारी दर ऐतिहासिक स्तर पर है। करोड़ों युवाओं को नौकरी का सपना दिखाया गया, लेकिन न अवसर मिला न रोजगार।
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महंगाई की मार आम जनता पर पड़ रही है। घरेलू गैस, पेट्रोल-डीजल और खाद्य पदार्थों की कीमतें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई हैं।
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भ्रष्टाचार और अपराध में बढ़ोतरी से कानून व्यवस्था चरमरा गई है।
80 करोड़ लोगों को राशन पर जीने को मजबूर क्यों?
शर्मा ने यह भी सवाल उठाया कि अगर सरकार इतनी सक्षम है तो फिर 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन पर क्यों निर्भर रहना पड़ रहा है? उन्होंने कहा:
“यह आंकड़ा अपने आप में बताता है कि देश की आर्थिक स्थिति कितनी गंभीर है और लोगों की आत्मनिर्भरता खत्म हो गई है।”
कांग्रेस की मांग: रिपोर्ट कार्ड पेश करे सरकार
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह अपने 11 वर्षों का सच्चा रिपोर्ट कार्ड देश के सामने रखे। जनता को बताया जाए कि किन-किन वादों को पूरा किया गया, और किन्हें छोड़ दिया गया।
राजनीतिक विश्लेषण: चुनावी रणनीति का हिस्सा या सच्ची समीक्षा?
विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस का यह हमला लोकसभा चुनाव 2029 की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, लेकिन सवालों की बुनियाद मजबूत है। सरकार को जवाब देना होगा कि 11 सालों में “अच्छे दिन” का वादा आखिर कहां तक पहुंचा।