देहरादून, 15 जून 2025
राजधानी देहरादून रविवार सुबह योगमय हो गई, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘रन फॉर योगा’ कार्यक्रम में भाग लेकर लोगों को स्वस्थ जीवन का संदेश दिया। कार्यक्रम का आयोजन एमकेपी कॉलेज में किया गया, जहां सीएम धामी ने गांधी पार्क से एमकेपी कॉलेज तक पैदल मार्च कर युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं के साथ मिलकर योग के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।
योग को बनाएं दैनिक जीवन का हिस्सा: सीएम धामी
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि योग भारत की प्राचीनतम धरोहर है, जिसे दुनिया आज अपनाने लगी है। उन्होंने कहा,
“योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का साधन है, बल्कि यह आत्मा, मन और शरीर को एक सूत्र में पिरोने की अद्भुत विद्या है। ऋषियों-मुनियों की यह परंपरा आज संपूर्ण विश्व के लिए जीवनदायिनी बन चुकी है।”
सीएम धामी ने कहा कि योग को अपने जीवन की दिनचर्या में शामिल करना केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का भी माध्यम बन सकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे आध्यात्मिक राज्य से ही योग को एक वैश्विक पहचान मिली है, और अब वक्त आ गया है कि हम इसे हर घर तक पहुंचाएं।
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: भागीदारी का आह्वान
मुख्यमंत्री ने लोगों से आगामी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील करते हुए कहा,
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया, जिसे आज पूरा विश्व मना रहा है। हमें गर्व है कि हम उस देश के नागरिक हैं, जिसने इस अद्वितीय योग विद्या को पूरी दुनिया को दिया।”
उत्तराखंड बनेगा योग और वेलनेस टूरिज्म का ग्लोबल सेंटर
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की नई योग नीति का भी उल्लेख किया, जिसे हाल ही में लागू किया गया है। इस नीति के तहत:
-
राज्य में योग और ध्यान केंद्रों की स्थापना पर 20 लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
-
पूर्व से संचालित योग केंद्रों को भी बढ़ावा देने के लिए सहयोग दिया जा रहा है।
-
योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के शोध को प्रोत्साहित करने के लिए 10 लाख रुपये तक का अनुदान उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में राज्य को योग और वेलनेस टूरिज्म का वैश्विक केंद्र बनाया जाए। इसके लिए एक ठोस और दीर्घकालिक योजना पर कार्य किया जा रहा है।
योग से जुड़े रोजगार और पर्यटन को भी मिलेगा बल
सीएम धामी ने कहा कि योग केवल स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, यह रोजगार, पर्यटन और संस्कृति के विकास का भी एक सशक्त माध्यम है। राज्य सरकार योग से जुड़े उद्यमियों और प्रशिक्षकों को भी सहयोग देने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है।
अंत में दिया ‘स्वस्थ और अनुशासित जीवन’ का संदेश
मुख्यमंत्री धामी ने कार्यक्रम के समापन पर सभी नागरिकों से अनुशासित और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा,
“योग को अपनाएं, जीवन को सजाएं और उत्तराखंड को बनाएं विश्व योग राजधानी। यह केवल एक संकल्प नहीं, बल्कि एक अभियान है, जिसमें हम सभी की भागीदारी आवश्यक है।”