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 रिजॉर्ट मॉडल पर खुलेंगे नेचुरोपैथी अस्पताल, उत्तराखंड में आयुष के जरिए वेलनेस टूरिज्म को नई दिशा

उत्तराखंड | वेलनेस टूरिज्म

देहरादून | 15 दिसंबर 2025

उत्तराखंड में वेलनेस टूरिज्म को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य में पहली बार रिजॉर्ट की तर्ज पर नेचुरोपैथी (प्राकृतिक चिकित्सा) अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। इन अस्पतालों में दवाइयों के बजाय प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से उपचार किया जाएगा, जिससे स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।


 तीन जिलों में पहले चरण की तैयारी, जमीन चिह्नित

आयुष एवं आयुष शिक्षा विभाग की ओर से पहले चरण में तीन जिलों में नेचुरोपैथी अस्पताल खोलने की योजना तैयार की गई है।

  • पिथौरागढ़ जिले के बलवा कोट और
  • चंपावत जिले के कोली ढेक क्षेत्र में जमीन चिह्नित कर ली गई है।
    वहीं, बागेश्वर जिले में भूमि चयन की प्रक्रिया जारी है।

 आयुष विभाग ने तैयार किया विस्तृत प्रस्ताव

राज्य में आयुष और वेलनेस को पर्यटन से जोड़ने के उद्देश्य से आयुष विभाग ने नेचुरोपैथी अस्पतालों का विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है। इस प्रस्ताव को जल्द ही केंद्र सरकार को वित्तीय सहायता के लिए भेजा जाएगा।
आयुष मिशन के तहत केंद्र सरकार इन अस्पतालों के निर्माण और संचालन के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान करेगी।


 बिना दवाइयों के प्राकृतिक तरीकों से होगा इलाज

नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धति का उद्देश्य बीमारी के लक्षण नहीं, बल्कि रोग के मूल कारण का उपचार करना है। इन अस्पतालों में निम्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी—

  • आहार एवं पोषण चिकित्सा
  • जल चिकित्सा, मृदा चिकित्सा और सूर्य चिकित्सा
  • योग, व्यायाम एवं ध्यान
  • जड़ी-बूटी आधारित उपचार
  • एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर
  • मालिश चिकित्सा, उपवास एवं मन-शरीर चिकित्सा

यहां मरीजों के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए ठहरने की बेहतर व्यवस्था भी होगी।


 आयुष ग्राम योजना बंद, अब नेचुरोपैथी अस्पतालों पर फोकस

केंद्र सरकार ने बीते वर्ष शुरू की गई आयुष ग्राम योजना को बंद कर दिया है। इस योजना के तहत हर जिले में एक आयुष ग्राम बनाया जाना था।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, अब आयुष ग्राम की जगह नेचुरोपैथी अस्पतालों के लिए केंद्र सरकार वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। इसी दिशा में उत्तराखंड सरकार ने अपनी रणनीति बदली है।


 क्या कहते हैं सचिव आयुष

दीपेंद्र चौधरी, सचिव आयुष ने बताया,
“पहले चरण में तीन जिलों में नेचुरोपैथी अस्पताल खोलने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। ये अस्पताल रिजॉर्ट मॉडल पर होंगे, जहां प्राकृतिक चिकित्सा के साथ ठहरने की उत्कृष्ट सुविधाएं मिलेंगी। इससे उत्तराखंड में वेलनेस टूरिज्म को नई गति मिलेगी।”


 निष्कर्ष

रिजॉर्ट की तर्ज पर बनने वाले नेचुरोपैथी अस्पताल उत्तराखंड को वेलनेस टूरिज्म का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं। प्राकृतिक चिकित्सा, आयुष पद्धतियों और पर्यटन के संगम से न केवल स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी, बल्कि स्थानीय रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

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