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रुद्रप्रयाग हादसा: पत्थर की चपेट में आकर मंदाकनी नदी में गिरी कार, एक की मौत, पांच घायल

स्थान: रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड | दिनांक: रविवार, 5 अक्टूबर 2025

हाईवे पर बड़ा हादसा, परिवार की यात्रा बनी दुखद स्मृति
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर रविवार शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया। चोपता से लौट रही एक कार काकड़ा गाड के पास अचानक पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आ गई। हादसे में कार अनियंत्रित होकर सीधे मंदाकनी नदी के किनारे जा गिरी। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बच्ची समेत पांच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।


कार में सवार थे एक ही परिवार के छह सदस्य
पुलिस के अनुसार, दुर्घटना रविवार शाम करीब 6:15 बजे हुई। कार में सवार सभी लोग एक ही परिवार के थे, जो बाराबंकी (उत्तर प्रदेश) और लखनऊ से उत्तराखंड घूमने आए थे। कार में चालक मुकेश कुमार (40) निवासी शांतिनगर, बाराबंकी की मौके पर मौत हो गई।

घायल हुए लोगों में शामिल हैं —

  • अंजलि मौर्य (32) पत्नी मुकेश मौर्य, निवासी जैयदपुर शांतिनगर, बाराबंकी
  • रचना, पत्नी अरुण मौर्य, निवासी के शरबाग लाटोश रोड, लखनऊ
  • अरुण मौर्य (40), लखनऊ निवासी
  • पिहू (ढाई वर्ष) पुत्री अरुण मौर्य
  • अमोली (5 वर्ष) पुत्री मुकेश मौर्य

108 एंबुलेंस से पहुंचाए गए अस्पताल, विधायक ने दिए सहायता के निर्देश
स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से सभी घायलों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) अगस्त्यमुनि ले जाया गया।
प्रभारी थानाध्यक्ष प्रदीप चौहान ने बताया कि घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए रेफर किया जा रहा है।

वहीं, केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने हादसे की जानकारी मिलते ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) रुद्रप्रयाग से बात कर घायलों को हर संभव सहयोग और उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।


हाईवे पर भूस्खलन बना खतरा, प्रशासन को चेतावनी संकेत
स्थानीय लोगों ने बताया कि काकड़ा गाड क्षेत्र में अक्सर पत्थर गिरने की घटनाएं होती रहती हैं। बरसात के बाद यह मार्ग अत्यधिक संवेदनशील हो जाता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। हादसे के बाद कुछ समय के लिए यातायात भी बाधित रहा।


निष्कर्ष:
रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर यह हादसा एक बार फिर साबित करता है कि पहाड़ी मार्गों पर यात्राओं के दौरान सावधानी और सतर्कता कितनी आवश्यक है। प्रशासन को चाहिए कि संवेदनशील स्थलों पर चेतावनी बोर्ड, सुरक्षा रेलिंग और रॉकनेट जैसी सुरक्षा व्यवस्थाएं जल्द से जल्द की जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

 

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