स्थान: हरिद्वार, उत्तराखंड
तारीख: 1 दिसम्बर 2025
हरिद्वार में रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी भगवान सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। शुरुआती कहानी लिफ्ट मांगने वाले बदमाश द्वारा की गई हत्या की बताई गई, लेकिन पुलिस की बारीक जांच में पूरा मामला उलट गया। पिता की हत्या किसी बाहरी आरोपी ने नहीं, बल्कि उनके ही बेटे ने करोड़ों की संपत्ति हड़पने की नीयत से रची थी।
बेटे ने खुद रची पूरी साजिश, दोस्तों से चलवाई गोली
29 नवंबर की देर रात भगवान सिंह के बेटे यशपाल ने कंट्रोल रूम पर सूचना दी थी कि वह पिता के साथ रोशनाबाद शादी में जा रहा था। जटवाड़ा पुल के पास एक व्यक्ति ने लिफ्ट मांगी और कार में बैठते ही पिता को गोली मारकर फरार हो गया। पुलिस मौके पर पहुँची, लेकिन पूछताछ के दौरान यशपाल के बयान बदलते गए।
शादी किसके यहां थी—इस सवाल का वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। इसी से पुलिस को उस पर शक हुआ।
सख्ती में टूटा बेटा, कबूला अपना गुनाह
कई घंटों की सख्त पूछताछ के बाद आखिरकार यशपाल टूट गया और उसने स्वीकार किया कि पिता की हत्या उसी ने करवाई है। पुलिस के अनुसार मृतक भगवान सिंह करोड़ों की संपत्ति के मालिक थे। बेटे की गलत संगत, आदतें और बार-बार संपत्ति अपने नाम करवाने के दबाव से पिता-पुत्र के रिश्ते बिगड़ चुके थे।
जब पिता ने साफ मना कर दिया और उसे बेदखल करने की चेतावनी दी, तब बेटे ने हत्या की साजिश रची।
30 लाख और एक स्कॉर्पियो में हुई थी डील
जांच में पता चला कि यशपाल ने अपने दो दोस्तों—ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर—को पिता की हत्या के बदले 30 लाख रुपये और एक स्कॉर्पियो देने का वादा किया था।
29 नवंबर की दोपहर तीनों ने नहर पटरी पर रेकी की और रात में योजना के अनुसार वारदात को अंजाम दिया।
ऐसे दिया हत्या को अंजाम
रात करीब आठ बजे यशपाल पिता को दोस्त की शादी का बहाना देकर कार में ले गया। जटवाड़ा पुल आगे बढ़ते ही बैराज के पास उसके दोनों साथी पहले से मौजूद थे।
योजना के अनुसार यशपाल ने पिता से कार रुकवाई और स्वयं ड्राइवर सीट पर बैठ गया। इसके बाद राजन को दोस्त बताकर कार में बिठाया गया।
कुछ ही मिनट बाद राजन ने तमंचे से भगवान सिंह की कनपटी पर दो गोलियां दाग दीं और मौके से फरार हो गया।
112 पर कॉल कर पिता की हत्या को बताया हादसा
पर पुलिस नहीं बनी शिकार
घटना के कुछ मिनट बाद यशपाल ने कंट्रोल रूम को कॉल कर पूरी कहानी को हादसे जैसा दिखाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की बारीक जांच में उसका झूठ टिक नहीं पाया।
तीनों आरोपी गिरफ्तार, तमंचा और कपड़े बरामद
एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के निर्देशन में बहादराबाद थाना, रानीपुर कोतवाली और सीआईयू की संयुक्त टीम ने कड़ी कार्रवाई करते हुए यशपाल, ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर को गिरफ्तार कर लिया।
राजन की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा, खोखा कारतूस, वारदात के समय पहने कपड़े और जूते उसके किराए के कमरे से बरामद किए गए हैं।
निष्कर्ष
हरिद्वार का यह हत्याकांड रिश्तों पर बड़ा सवाल छोड़ गया। जहां एक पिता ने बेटे के भविष्य के लिए पूरी जिंदगी मेहनत की, वहीं बेटे ने संपत्ति के लालच में पिता की हत्या तक की योजना बना डाली।
पुलिस की सतर्कता और गहन पूछताछ ने पूरे मामले का राज़ खोल दिया। अब आरोपी बेटे सहित तीनों को जेल भेजने की तैयारी है।


