देहरादून में राजनीति गरमाई, मां बोलीं – “जिसने मेरे बेटे को मारा, उसके सीने में भी लगनी चाहिए थी गोली”
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी में भाजपा नेता रोहित नेगी की सरेराह गोली मारकर हत्या ने जहां आम लोगों को झकझोर दिया, वहीं पुलिस की निष्क्रियता ने जनआक्रोश की चिंगारी को आग में बदल दिया। नतीजा ये हुआ कि तीन दिन की चुप्पी के बाद पुलिस हरकत में आई और गुरुवार देर रात उत्तर प्रदेश की सीमा से मुख्य आरोपी अजहर त्यागी और उसके साथी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया।
हत्या, माफिया, मोहब्बत और मर्डर: एक फिल्मी स्क्रिप्ट जैसी वारदात
रोहित नेगी की हत्या की कहानी किसी फिल्मी पटकथा से कम नहीं।
- आरोपी अजहर त्यागी, देहरादून पढ़ने आया था, लेकिन जल्द ही गुंडागर्दी की दुनिया में उतर गया।
- उसकी दोस्ती मेरठ की आन्या खान से हुई जो फिजियोथैरेपी की छात्रा थी।
- जब आन्या ने उससे दूरी बना ली और आयुष नामक युवक के साथ रिश्ता बना लिया, तो अजहर ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया।
- हत्या वाली रात भी अजहर ने आन्या को फोन पर धमकाया। रोहित अपने दोस्त और आन्या के साथ पार्टी कर रहा था, जब यह विवाद चरम पर पहुंचा।
- रोहित और आयुष अजहर से “बात करने” जा रहे थे कि रास्ते में अजहर ने उनकी कार के सामने आकर गोली दाग दी। गोली रोहित को लगी और उसने वहीं दम तोड़ दिया।
क्यों भड़का जनाक्रोश?
- पुलिस की लापरवाही: शिकायतों के बावजूद प्रेमनगर थाने ने आरोपी अजहर पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की।
- राजनीतिक दबाव: सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर ने सड़क पर आंदोलन की चेतावनी दी, कांग्रेस भी आक्रामक हुई।
- सांप्रदायिक तनाव: मुख्य आरोपी मुस्लिम समुदाय से होने के कारण हिंदू संगठनों का भी गुस्सा भड़क उठा।
- तीन दिन बाद गिरफ्तारी: जब पूरे शहर में हाहाकार मचा, तो पुलिस को यूपी बॉर्डर तक जाकर घेराबंदी करनी पड़ी।
गिरफ्तारी या मजबूरी में कार्रवाई?
एसएसपी अजय सिंह ने स्वयं कमान संभाली और यूपी सीमा पुरकाजी में मुठभेड़ के बाद अजहर त्यागी और उसके साथी को पकड़ा।
गौरतलब है कि अजहर पर पहले से भी दो आपराधिक मुकदमे दर्ज थे, लेकिन वह बेखौफ शहर में घूमता रहा।
मां की चीख: “सीने में गोली मारनी थी, पैर में क्यों?”
रोहित की मां सोमबाला नेगी ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“जिसने मेरे बेटे को सीने में गोली मारी, पुलिस ने उसके पैरों में क्यों गोली मारी? जैसे उसने रोहित को मारा, वैसे ही उसे भी सीने पर गोली मारनी चाहिए थी!”
परिवार में अब पिता बीमार, मां बेसुध और बहन अकेली है। रोहित ही परिवार का सहारा था। उसकी शादी की चर्चा घर में चल रही थी। अब घर में सन्नाटा है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस नेता विनोद सिंह चौहान के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने IG गढ़वाल से मुलाकात की।
उनका आरोप:
- दून में गुंडागर्दी बढ़ रही है,
- हरियाणा नंबर की गाड़ियों में बैठे युवक आम जनता को पीट रहे हैं,
- पुलिस प्रशासन प्रभावहीन हो चुका है।
जनदबाव से उपजी कार्रवाई, लेकिन क्या बदलेगी व्यवस्था?
जनता के विरोध, जनप्रतिनिधियों के दबाव और मीडिया की हाइलाइट के बाद पुलिस हरकत में आई। लेकिन सवाल यह है कि:
- क्या केवल दबाव पड़ने पर ही होगी कार्रवाई?
- क्या लचर पुलिसिंग से अपराधी पलते रहेंगे?
- क्या रोहित जैसे और युवक भी लापरवाही की बलि चढ़ते रहेंगे?
क्या कहता है यह केस?
विषय | स्थिति |
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आरोपी | अजहर त्यागी, हिस्ट्रीशीटर, देहरादून में पढ़ाई के नाम पर आया था |
हत्या का कारण | एक्स-गर्लफ्रेंड को धमकाना और विरोध में हुई झड़प |
पुलिस की भूमिका | शुरुआत में निष्क्रिय, बाद में दबाव में आकर एक्शन |
जनप्रतिक्रिया | तीव्र आक्रोश, राजनीतिक प्रदर्शन, सांप्रदायिक तनाव की आशंका |
वर्तमान स्थिति | आरोपी गिरफ्तार, मामला तूल पर, जांच जारी |