दिनांक: 12 दिसंबर 2025
स्थान: लक्ष्मणझूला, ऋषिकेश / पौड़ी गढ़वाल
ट्यूशन के लिए निकलीं, लेकिन घर नहीं लौटीं — दो नाबालिग अचानक लापता
लक्ष्मणझूला, पौड़ी गढ़वाल क्षेत्र में ट्यूशन के लिए घर से निकली 13 और 14 वर्ष की दो किशोरियाँ अचानक लापता हो गईं। घटना सामने आते ही क्षेत्र में चिंता का माहौल बन गया। परिजन घबराए हुए हैं, जबकि पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
महिला आयोग सक्रिय — अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने स्वतः लिया संज्ञान
मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए पुलिस को त्वरित व प्रभावी कार्रवाई करने के सख्त निर्देश जारी किए।
उन्होंने एसओ लक्ष्मणझूला को हर छोटी-बड़ी सूचना पर तत्काल फॉलोअप लेने और नाबालिगों को जल्द से जल्द सकुशल बरामद करने के आदेश दिए।
दोनों किशोरियाँ एक युवक के संपर्क में—पुलिस की जांच तेज
जांच में सामने आया है कि दोनों किशोरियाँ किसी युवक के संपर्क में थीं।
पुलिस उसकी लोकेशन, कॉल डिटेल्स और मोबाइल गतिविधियों को ट्रेस कर रही है। मामला दर्ज कर तकनीकी व मैदानी दोनों स्तरों पर जांच जारी है।
जानकी पुल से रेलवे स्टेशन, फिर कपड़े बदलकर ट्रेन में सवार
सूत्रों के अनुसार, दोनों लड़कियाँ जानकी पुल से विक्रम में बैठकर ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुँचीं, जहां उन्होंने कपड़े बदले और हरिद्वार की ओर जाने वाली ट्रेन में चढ़ गईं।
तकनीकी जांच में उनकी अंतिम लोकेशन रामनगर में मिली है, जहाँ पुलिस टीमें उनकी तलाश के लिए सक्रिय रूप से लगी हुई हैं।
आयोग ने दी अभिभावकों को चेतावनी—बच्चों की गतिविधियों पर रखें विशेष नजर
महिला आयोग ने कहा कि नाबालिग लड़कियों का किसी के बहकावे में घर से निकल जाना गंभीर चिंता का विषय है।
अभिभावकों से अपील की गई है कि
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बच्चों की ऑनलाइन और ऑफलाइन गतिविधियों
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मित्र मंडली
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सोशल मीडिया उपयोग
पर विशेष ध्यान दें, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
पुलिस का दावा—जल्द बरामद होंगी दोनों किशोरियाँ
पुलिस ने बताया कि तकनीकी सर्विलांस मजबूत किया गया है और कई स्थानों पर सर्च टीमें भेजी गई हैं।
अधिकारियों का कहना है कि दोनों किशोरियों को जल्द ही सुरक्षित बरामद कर लिया जाएगा।
निष्कर्ष
लक्ष्मणझूला क्षेत्र में दो नाबालिग लड़कियों के इस तरह लापता होने ने सुरक्षा और निगरानी को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला आयोग की सक्रियता और पुलिस की त्वरित कार्रवाई उम्मीद जगाती है कि किशोरियाँ जल्द ही सकुशल मिल जाएँगी। साथ ही, यह घटना अभिभावकों को भी सतर्क रहने का संदेश देती है कि बच्चों की गतिविधियों की निगरानी आज की डिजिटल दुनिया में पहले से अधिक आवश्यक है।


