दिनांक: 14 दिसंबर 2025
स्थान: मसूरी, देहरादून (उत्तराखंड)
मसूरी में शनिवार और रविवार की छुट्टियों का असर साफ दिखाई दिया। पहाड़ों की रानी कहलाने वाली मसूरी में देश-प्रदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे, जिससे शहर के होटल 60 से 70 प्रतिशत तक भर गए। पर्यटन सीजन के इस उछाल से होटल कारोबारियों और स्थानीय व्यापारियों में उत्साह देखने को मिला।
मसूरी ही नहीं, आसपास के पर्यटन स्थल भी रहे गुलजार
मसूरी के साथ-साथ आसपास के पर्यटन स्थलों पर भी रौनक देखने को मिली। धनोल्टी, बुरांशखंडा और कैम्पटी जैसे इलाकों में पर्यटकों की संख्या में खासा इजाफा हुआ। कैम्पटी फाल, भट्टा फाल, कंपनी गार्डन, चार दुकान, गनहिल, जार्ज एवरेस्ट और लाल टिब्बा जैसे प्रमुख दर्शनीय स्थलों पर दिनभर सैलानियों की भीड़ लगी रही।
मालरोड और बाजारों में देर रात तक चहल-पहल
पर्यटकों की आमद से मसूरी की मालरोड, लाइब्रेरी बाजार और कुलड़ी बाजार में देर रात तक चहल-पहल बनी रही। होटल, रेस्टोरेंट और कैफे खचाखच भरे रहे, जिससे स्थानीय व्यवसायों को भी लाभ हुआ।
आईएमए परेड का पर्यटन पर सकारात्मक असर
देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में आयोजित परेड का भी मसूरी के पर्यटन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। परेड में शामिल होने आए अधिकारियों के स्वजन बड़ी संख्या में मसूरी पहुंचे, जिससे होटलों की बुकिंग और आवाजाही में और इजाफा हुआ।
भीड़ के साथ बढ़ी जाम की समस्या
पर्यटकों की भारी भीड़ के चलते मसूरी में यातायात व्यवस्था पर दबाव भी बढ़ा। शनिवार को किंक्रेग-लाइब्रेरी मार्ग पर थापर बैंड से गांधी चौक और जीरो प्वाइंट तक लंबे जाम की स्थिति बनी रही। लाइब्रेरी टैक्सी स्टैंड पर बेतरतीब खड़े वाहनों ने समस्या को और गंभीर बना दिया। इसके अलावा मोतीलाल नेहरू मार्ग और लाइब्रेरी बाजार में भी जाम से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। स्प्रिंग रोड पर नगर पालिका के निर्माण कार्य के चलते स्थानीय निवासियों को भी असुविधा हुई।
होटल कारोबारियों में संतोष का माहौल
मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल के अनुसार, शनिवार शाम तक शहर के होटलों में 60 से 70 प्रतिशत तक ऑक्यूपेंसी दर्ज की गई। आने वाले दिनों में यदि मौसम अनुकूल रहा, तो पर्यटकों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
वीकेंड और विशेष आयोजनों के चलते मसूरी एक बार फिर पर्यटकों की पसंदीदा मंजिल बनी है। जहां एक ओर पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को संजीवनी मिल रही है, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक और व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन के सामने चुनौतियां भी बढ़ रही हैं।


