देहरादून, 2 सितंबर 2025
उत्तराखण्ड विद्वत् सभा (पंजीकृत) का सोलहवाँ स्थापना दिवस समारोह मंगलवार को राजधानी देहरादून स्थित तुलसी प्रतिष्ठान, तिलक रोड में अत्यन्त हर्षोल्लास और गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ।
समारोह में विद्वानों की गरिमामयी उपस्थिति
समारोह में विभिन्न क्षेत्रों से आए आचार्यों, विद्वज्जनों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष महत्व प्रदान किया। वैदिक मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट वक्तव्य
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर निगम देहरादून के महापौर श्री सौरभ थपलियाल रहे। उन्होंने विद्वत् सभा की गतिविधियों की सराहना करते हुए समाज में विद्वज्जनों की भूमिका को अनिवार्य बताया।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित ज्योतिषाचार्य डॉ. रमेशचन्द्र पांडेय, संस्थापक अध्यक्ष ज्ञानीगोलोक धाम एवं सभा के संरक्षक, ने कहा कि “विद्वान ही विद्वान को आगे बढ़ा सकता है। किसी और के द्वारा नहीं, बल्कि विद्वानों के प्रयासों से ही संस्कृत और संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन संभव है।”
अध्यक्षीय उद्बोधन
समारोह की अध्यक्षता सभा के अध्यक्ष आचार्य हर्षपति गोदियाल ने की। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में उन्होंने विद्वत् सभा के उद्देश्यों और भावी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि संस्था सदैव संस्कृत भाषा, ज्ञान और भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित रहेगी।
मंच पर गरिमामयी उपस्थिति
मंच पर उपस्थित विशिष्ट महानुभावों में शिवप्रसाद ममगाईं (ज्योतिष पीठ व्यास पद), भरतराम तिवारी (प्राचार्य, परशुराम चतुर्वेद विद्यालय), डॉ. रामभूषण बिजल्वाण, पवन शर्मा, सुभाष जोशी, विजेंद्र ममगाईं, जयप्रकाश गोदियाल, राजदीप डिमरी आदि शामिल रहे।
उपमंच पर प्रेम बिंजोला (अध्यक्ष, पुरोहित समाज), दिनेश प्रसाद भट्ट, मुकेश पंत, धीरज मैठाणी, रोशन डबराल, मंत्री प्रसाद थपलियाल सहित अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
संचालन और आयोजन की विशेषताएँ
कार्यक्रम का संचालन महासचिव आचार्य अजय डबराल ने किया। प्रस्तावना मुरलीधर सेमवाल ने प्रस्तुत की।
स्वागत एवं माल्यार्पण का दायित्व सत्यप्रसाद सेमवाल, विपिन डोभाल, राजेश अमोली, आशीष खंकरियाल ने निभाया।
कोष संबंधी कार्यों का संपादन आदित्य राम थपलियाल और दीपक अमोली द्वारा किया गया।
सांस्कृतिक विभाग और स्थानीय सहयोग
कार्यक्रम में उत्तराखण्ड संस्कृति विभाग से अनीता पोखरियाल की टीम तथा तुलसी प्रतिष्ठान के प्रधान अश्विनी अग्रवाल विशेष रूप से मौजूद रहे।
व्यापक सहभागिता
समारोह में कार्यकारिणी सदस्य, पूर्व पदाधिकारी, परशुराम चतुर्वेद विद्यालय के प्राध्यापक भगवती प्रसाद थपलियाल, ब्रह्मचारी बटुक, पुरोहित समाज के विद्वान, पत्रकार बंधु और अनेक आजीवन सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।