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सिस्टम को बेनकाब करने की जंग” — बॉबी पंवार ने उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन में भ्रष्टाचार के खिलाफ खोला मोर्चा, हाईकोर्ट के आदेशों को लेकर सरकार पर लगाया दुष्प्रचार का आरोप

देहरादून, 12 जून 2025 

उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े गए एक और बड़े अभियान में उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार अब उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPCL) के प्रबंध निदेशक अनिल यादव के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।

अनिल यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले में दायर जनहित याचिका को लेकर सरकार और महाधिवक्ता कार्यालय की ओर से जारी किए जा रहे कथित भ्रामक प्रचार पर बॉबी पंवार ने करारा पलटवार किया है।


हाईकोर्ट ने याचिका खारिज नहीं, “निस्तारित” की — कोर्ट ने दी आगे कार्रवाई की छूट

बॉबी पंवार ने साफ कहा कि यह दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को “खारिज” कर दिया है। जबकि सत्य यह है कि कोर्ट ने याचिका को खारिज नहीं किया, बल्कि “निस्तारित” करते हुए याचिकाकर्ता को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सक्षम अदालत में शिकायत करने की पूरी स्वतंत्रता प्रदान की है

“अगर याचिका में कोई दम नहीं होता, तो कोर्ट इसे आगे कानूनी कार्रवाई के लिए खुला नहीं छोड़ता,” – बॉबी पंवार

उन्होंने कहा कि कोर्ट ने यह कहीं नहीं कहा कि याचिका झूठी या निराधार है। बल्कि, अब यह मामला एक नए मोड़ पर कानूनी प्रक्रिया में प्रवेश कर चुका है जहां सक्षम अदालत साक्ष्यों की गहराई से जांच करेगी।


“ब्लैकमेलर” और “वसूलीकर्ता” बताकर असली मुद्दों से भटकाने की साजिश — पंवार

सरकार और महाधिवक्ता कार्यालय द्वारा मीडिया में बॉबी पंवार को ब्लैकमेलर और पैसे वसूलने वाला व्यक्ति बताए जाने पर उन्होंने कड़ा विरोध दर्ज कराया।

“आज तक मुझ पर न कोई अपराध सिद्ध हुआ है, न ब्लैकमेलिंग का कोई मामला दर्ज है। ये बातें सिर्फ इसलिए फैलाई जा रही हैं ताकि असली आरोपी बच सकें।”

बॉबी पंवार ने पूछा:

“अगर यह याचिका पैसा वसूली के लिए थी, तो फिर आरोपी के बचाव में करोड़ों रुपये के सरकारी खर्च किस आधार पर किए गए? कोर्ट में पेश हुए दिल्ली-मुंबई के महंगे वकीलों के होटल और शराब के बिल किस ‘जनहित’ में पास हुए?”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार करोड़ों की फीस और लग्ज़री खर्चे कर रही है, लेकिन जनता के असली सवालों और सबूतों से मुंह चुरा रही है।


कृषि मेला रद्द होने को बताया ‘भ्रष्टाचार का पर्दाफाश’

बॉबी पंवार ने हाल ही में रद्द हुए ‘एग्री मित्र उत्तराखंड 2025’ कृषि मेले को भी राज्य सरकार की असलियत का आईना बताया। उन्होंने कहा कि यह मेला इसलिए रद्द हुआ क्योंकि घोटाले की परतें खुल चुकी थीं और आयोजन में टेंडर प्रक्रिया की धज्जियाँ उड़ाई जा रही थीं।

“किसानों के नाम पर होने वाले इस मेले को रद्द करके सरकार ने साफ कर दिया कि वो भ्रष्टाचार के आरोपों से डरती है, जवाब देने की हिम्मत नहीं रखती।”


“यह लड़ाई सिर्फ एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं, पूरे भ्रष्ट सिस्टम के विरुद्ध है” — बॉबी पंवार

बॉबी पंवार ने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई किसी एक अधिकारी की नहीं है। यह आंदोलन पूरे भ्रष्टाचार तंत्र के खिलाफ है, जिसे जनता की आवाज़ और न्याय की प्रक्रिया से बदलने की ज़रूरत है।

“जब तक हर दोषी कटघरे में नहीं खड़ा होता और सज़ा नहीं पाता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। यह जनता की लड़ाई है, और हम अंतिम सांस तक इसके साथ रहेंगे।”


न्याय के लिए संघर्ष, दुष्प्रचार के खिलाफ सख्त रुख

उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा अब इस मामले को और आगे ले जाने की तैयारी में है। आने वाले दिनों में सक्षम अदालत में शिकायत दर्ज कर, इस पूरे प्रकरण को न्यायिक दिशा में तेज़ किया जाएगा। साथ ही सरकार द्वारा फैलाई जा रही गलत सूचनाओं पर कानूनी कार्रवाई करने की बात भी पंवार ने संकेतों में कही।


 निष्कर्ष:
बॉबी पंवार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह सिर्फ एक याचिका की लड़ाई नहीं, बल्कि प्रदेश के सिस्टम को साफ करने का अभियान है। उत्तराखंड में राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था पर यह केस एक निर्णायक असर डाल सकता है।

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