तारीख – 21 नवंबर 2025 | स्थान – देहरादून, उत्तराखंड
उत्तराखंड में वाहन फिटनेस फीस बढ़ोतरी स्थगित, आम जनता को बड़ी राहत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के वाहन स्वामियों को बड़ी राहत देते हुए घोषणा की है कि 15 वर्ष पुराने कमर्शियल वाहनों की फिटनेस फीस में की गई वृद्धि अब अगले एक साल तक लागू नहीं होगी। यह स्थगन 21 नवंबर 2026 तक प्रभावी रहेगा।
परिवहन विभाग की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना पर हस्ताक्षर सचिव परिवहन बृजेश कुमार संत द्वारा किए गए।
केंद्र सरकार ने बढ़ाई थी फीस — उत्तराखंड ने बोझ जनता पर नहीं डाला
हाल ही में केंद्र सरकार ने 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों की फिटनेस फीस में 10 गुना तक वृद्धि की थी।
लेकिन उत्तराखंड सरकार ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए यह बढ़ी हुई फीस फिलहाल लागू न करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जनता पर अचानक भारी वित्तीय बोझ डालना सरकार की नीति नहीं है।
पूर्व निर्धारित शुल्क ही रहेगा लागू
वृद्धि स्थगित होने के बाद—
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उत्तराखंड में पूर्व निर्धारित फिटनेस फीस ही लागू रहेगी
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एक वर्ष बाद नई दरें भारत सरकार द्वारा किए जाने वाले पुनरीक्षण के अनुसार ही लागू होंगी
यह फैसला विशेष रूप से टैक्सी ऑपरेटर, परिवहन व्यवसायियों और पुराने कमर्शियल वाहन स्वामियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा—हमारी सरकार जनता के लिए संवेदनशील
सीएम धामी ने साफ कहा—
“हम नहीं चाहते कि वाहन स्वामियों और ट्रांसपोर्ट कारोबार से जुड़े लोगों पर अचानक अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़े।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार गरीब, मध्यम वर्ग और परिवहन क्षेत्र से जुड़े हजारों लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
परिवहन विभाग ने किया औपचारिक आदेश जारी
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि—
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एक वर्ष तक कोई नई फीस दरें लागू नहीं होंगी
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फिटनेस फीस में बढ़ोतरी का फैसला फिलहाल निलंबित रहेगा
यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड सरकार के इस निर्णय से परिवहन कारोबार से जुड़ी बड़ी आबादी को राहत मिली है।
जहां केंद्र सरकार की बढ़ी हुई फीस से वाहन मालिकों पर भारी आर्थिक असर पड़ सकता था, वहीं सीएम धामी का यह कदम राज्य में जनहित, आर्थिक संतुलन और संवेदनशील प्रशासन का प्रतीक साबित हो रहा है।
परिवहन क्षेत्र से जुड़े संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों में अत्यंत आवश्यक बताया है।


