देहरादून | शुक्रवार, 12 दिसंबर 2025
उत्तराखंड प्रदेश मंत्रिमंडल की अहम बैठक शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में कुल 19 प्रस्तावों पर चर्चा के बाद मुहर लगाई गई। इन फैसलों में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय छोटे अपराधों में सजा की व्यवस्था में बदलाव को लेकर रहा, जहां अब जेल की सजा के बजाय अधिक जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
जन विश्वास एक्ट लागू करने पर सहमति
कैबिनेट ने सात अलग-अलग अधिनियमों के स्थान पर जन विश्वास अधिनियम (जन विश्वास एक्ट) लागू करने का निर्णय लिया। इसके लिए 52 अधिनियमों को चिन्हित किया गया है।
छोटे अपराधों में जेल की सजा हटाकर जुर्माने की व्यवस्था की गई है। उदाहरण के तौर पर—
जैविक कृषि के अधिसूचित क्षेत्र में पेस्टिसाइड के प्रयोग पर पहले एक लाख रुपये जुर्माना और एक वर्ष की जेल का प्रावधान था। अब जेल की सजा हटाकर पांच लाख रुपये जुर्माना कर दिया गया है।
बिजली लाइन मुआवजे में बढ़ोतरी
कैबिनेट ने केंद्र सरकार के नए निर्देशों को अपनाते हुए बिजली टावर और उसके एक मीटर परिधि क्षेत्र का मुआवजा 200 प्रतिशत सर्किल रेट के हिसाब से देने का निर्णय लिया।
साथ ही सर्किल रेट और मार्केट रेट के अंतर को लेकर एक समिति गठित करने का फैसला हुआ, जो प्रभावित भूमि मालिकों के हित में कार्य करेगी।
आवास विभाग के चार बड़े फैसले
कैबिनेट ने आवास विभाग के चार महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी—
1. ग्रीन बिल्डिंग को बढ़ावा
प्लेटिनम ग्रेड को 5%, गोल्ड को 3% और सिल्वर ग्रेड को 2% अतिरिक्त FAR मिलेगा।
2. निर्माण नियमों में राहत
कॉमर्शियल एरिया में ग्राउंड कवरेज प्रतिबंध में छूट दी गई। सभी क्षेत्रों में सेट-बैक नियम लागू होंगे।
अब इको रिजॉर्ट के साथ सामान्य रिजॉर्ट भी बनाए जा सकेंगे। भूमि उपयोग परिवर्तन की बाध्यता खत्म की गई।
सड़क चौड़ाई—पहाड़ों में 6 मीटर और मैदानी क्षेत्रों में 9 मीटर निर्धारित।
3. बहुमंजिला भवनों में पार्किंग नियम
सड़क स्तर पर बनी पार्किंग की ऊंचाई को इमारत की कुल ऊंचाई में शामिल नहीं किया जाएगा। मोटल श्रेणी को समाप्त किया गया।
4. लैंड पूलिंग और टाउन प्लानिंग स्कीम
लैंड पूलिंग और टाउन प्लानिंग स्कीम को मंजूरी। यह अनिवार्य नहीं होगी, लेकिन जहां टाउनशिप बनेगी, वहां भूमि स्वामी को बदले में वाणिज्यिक भूमि दी जाएगी।
वित्त और तकनीकी शिक्षा से जुड़े निर्णय
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उत्तराखंड जीएसटी संशोधन अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी।
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तकनीकी विश्वविद्यालयों में फैकल्टी भर्ती अब लोक सेवा आयोग के बजाय विश्वविद्यालय स्तर पर होगी।
लोक निर्माण विभाग (PWD) के फैसले
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कनिष्ठ अभियंता (JE) के लिए समूह-ग कर्मचारियों से पदोन्नति का कोटा 5% से बढ़ाकर 10 साल सेवा पूरी करने पर सीधी पदोन्नति का प्रावधान।
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देहरादून रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना को जीएसटी में छूट, जिसका बाद में प्रतिपूर्ति (रिम्बर्समेंट) किया जाएगा।
नागरिक उड्डयन और अन्य अहम निर्णय
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नैनीसैणी एयरपोर्ट अब एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) द्वारा संचालित किया जाएगा।
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सितारगंज के कल्याणपुर में पट्टाधारकों के नियमितीकरण के लिए 2004 के सर्किल रेट लागू किए जाएंगे।
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घसियारी कल्याण एवं साइलेज योजना में सब्सिडी 75% से घटाकर 60% की गई।
पर्यावरण, युवा और परिवहन से जुड़े निर्णय
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सगंध पौध केंद्र का नाम बदलकर इंस्टीट्यूट ऑफ परफ्यूम किया गया।
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15 साल से पुराने वाहनों को स्क्रैप कर नया वाहन खरीदने पर टैक्स में छूट।
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मुख्यमंत्री युवा भविष्य निर्माण योजना को मंजूरी—UPSC, NET, GATE जैसी परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन कोचिंग, लाइव क्लास और डाउट सॉल्विंग की सुविधा।
अभियोजन व्यवस्था में बड़ा सुधार
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत देहरादून में अभियोजन निदेशालय का मुख्यालय बनेगा।
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एक निदेशक की नियुक्ति होगी, जिसे 15 वर्ष तक के अनुभवी अधिवक्ताओं में से चुना जा सकेगा।
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जिलों में जिला स्तर पर अभियोजन निदेशालय बनेगा।
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7 साल से कम सजा वाले मामलों की अपील का निस्तारण जिला स्तर पर, इससे अधिक मामलों का निर्णय राज्य स्तर पर होगा।
निष्कर्ष
प्रदेश मंत्रिमंडल के ये फैसले सरल कानून व्यवस्था, निवेश अनुकूल वातावरण और प्रशासनिक सुधार की दिशा में अहम माने जा रहे हैं। छोटे अपराधों में जेल की जगह जुर्माना लागू करना जहां न्याय प्रणाली को सरल बनाएगा, वहीं आवास, शिक्षा, युवा और बुनियादी ढांचे से जुड़े निर्णय राज्य के समग्र विकास को गति देंगे। कैबिनेट के यह निर्णय विश्वास आधारित शासन और व्यावहारिक सुधारों की दिशा में एक मजबूत कदम हैं।


