तारीख: 23 नवंबर 2025 | स्थान: देहरादून, उत्तराखंड
प्रदेश में श्रम सुधारों पर सीएम धामी का बड़ा बयान
देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रम सुधारों को देश के कार्यबल के लिए ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि इन सुधारों से भारत में कार्य संस्कृति का नया अध्याय शुरू हो चुका है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की ओर से लागू की जा रही चार श्रम संहिताएँ आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
चार श्रम संहिताएँ—आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला
सीएम धामी ने कहा कि नई श्रम संहिताओं का क्रियान्वयन देश के लगभग 40 करोड़ श्रमिकों के जीवन में बड़ा बदलाव लाएगा।
उन्होंने बताया कि पहले के श्रम कानून पुराने, जटिल और असंगठित क्षेत्र के लाखों श्रमिकों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल थे, जिससे न केवल श्रमिकों के अधिकार प्रभावित होते थे बल्कि उद्योग और निवेश भी बाधित होते थे।
सीएम धामी ने प्रधानमंत्री को दिया श्रेय — “नई कार्य संस्कृति का निर्माण”
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देश में एक नई कार्य संस्कृति विकसित हुई है।
नई नीतियाँ भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में मील का पत्थर साबित होंगी।
पुराने कानूनों की खामियाँ—न सामाजिक सुरक्षा, न न्यूनतम वेतन
सीएम ने बताया कि लंबे समय तक श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की कमी से जूझना पड़ा।
न्यूनतम वेतन की व्यवस्था केवल चुनिंदा क्षेत्रों में लागू थी और असंगठित श्रमिक पूरी तरह इससे बाहर थे।
पुरानी इंस्पेक्टर राज व्यवस्था ने व्यापार और उद्योगों को नुकसान पहुँचाया और विदेशी निवेश में नकारात्मक संदेश भेजा।
नई श्रम संहिताएँ—सामाजिक सुरक्षा और समान अवसर का नया युग
धामी ने कहा कि नई श्रम संहिताएँ श्रमिकों को अधिक शक्तिशाली बनाती हैं। प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं—
- सार्वभौमिक और समय पर वेतन की गारंटी
- नियुक्ति पत्र अनिवार्य, जिससे नौकरी की पारदर्शिता बढ़ेगी
- महिला श्रमिकों के लिए समान वेतन, रात्रि पाली में काम करने की अनुमति
- निश्चित अवधि के कर्मचारियों को एक वर्ष बाद ग्रेच्युटी
- निःशुल्क वार्षिक स्वास्थ्य जांच अनिवार्य
- खतरनाक कार्यों में लगे श्रमिकों को 100% स्वास्थ्य सुरक्षा
इन प्रावधानों को रोजगार और उद्योग जगत दोनों की जरूरतों के अनुरूप तैयार किया गया है।
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता—“पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित होगा”
सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार नई संहिताओं के क्रियान्वयन के लिए पूरी तरह तैयार है।
उद्योगों को बढ़ावा देने, निवेश बढ़ाने और श्रमिकों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड लगातार सुधारों को बढ़ावा दे रहा है।
निष्कर्ष: श्रम सुधार—श्रमिक सुरक्षा और आर्थिक विकास दोनों की जीत
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि नए श्रम कानूनों से
- श्रमिकों को सुरक्षा, सम्मान और अवसर मिलेंगे,
- उद्योगों को अनुकूल वातावरण मिलेगा,
- और प्रदेश के आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।
चार श्रम संहिताएँ न सिर्फ रोजगार को सुदृढ़ करेंगी बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी मजबूत आधार प्रदान करेंगी।


