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सीजफायर के बाद भी मसूरी पर्यटन बेहाल, करोड़ों का नुकसान! होटलों में सुनसानी, नहीं मिल रही जून की बुकिंग

कश्मीर में आतंकी घटना के बाद भारत-पाक तनाव का असर मसूरी के पर्यटन पर पड़ा है। सीजफायर के बाद भी पर्यटकों की कमी से 25 करोड़ का नुकसान हुआ है। मई में बुकिंग कम है और जून के लिए भी स्थिति चिंताजनक है। होटल टैक्सी और अन्य व्यवसायों को भी भारी नुकसान हुआ है। मसूरी के पर्यटन स्थलों पर भी पर्यटकों की संख्या घटी है।

मसूरी ।  22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी घटना के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का असर मसूरी के पर्यटन कारोबार पर भी साफ देखने को मिला। भारत-पाकिस्तान के बीच भले ही सीजफायर हो गया, लेकिन पर्यटन व्यवसाय पटरी पर नहीं लौट पा रहा है।होटल कारोबारियों के मुताबिक पर्यटकों की आमद कम होने से 25 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। कारोबारी अब इसलिए भी चिंतित हैं, मई माह के कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन पर्यटकों की बुकिंग काफी कम है। यही हाल जून के लिए बुकिंग का है।

मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि 22 अप्रैल के बाद रद की गई बुकिंग का शत प्रतिशत रिफंड होटल मालिकों द्वारा किया गया है। मई के शेष 10 दिनों के लिए केवल 30 से 35 प्रतिशत बुकिंग है, जबकि जून के लिए लगभग 20 से 25 प्रतिशत बुकिंग मिली हैं।

उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने बताया कि मसूरी के होटल मालिकों को अब तक लगभग 24 से 25 करोड़ का घाटा हुआ है, जिसमें धनोल्टी और कैंपटी के होटल मालिक शामिल नहीं हैं।

मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने बताया कि पर्यटकों की कमी और बुकिंग रद होने के कारण मसूरी का व्यापार अभी तक सामान्य स्थिति में नहीं आ सका है। मसूरी के होम स्टे, टैक्सी, रेंटल दुपहिया, रिक्शा संचालकों सहित सभी प्रकार के व्यापारियों को 22 अप्रैल के बाद से लगभग 25 करोड़ का नुकसान हुआ है। इन दिनों मसूरी के पिकनिक स्पाट्स जैसे भट्टा फाल, कैंपटी फाल, जार्ज एवरेस्ट, कंपनी गार्डन, गनहिल, चार दुकान, लाल टिब्बा, धनोल्टी और बुरांशखंडा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को भी मसूरी में होटलों की औसत आक्युपेंशी 40 से 45 प्रतिशत तक ही रही है।

 

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