नई दिल्ली/उत्तराखंड | 17 जुलाई 2025
देशभर में शहरी स्वच्छता के स्तर को दर्शाने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। इस बार का आयोजन विज्ञान भवन, दिल्ली में भव्य समारोह के रूप में किया गया, जहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजेता शहरों को सम्मानित किया। आयोजन का नेतृत्व केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने किया।
उत्तराखंड से लालकुआं को मिला विशेष सम्मान
उत्तराखंड के लिए इस बार सबसे बड़ी उपलब्धि रही लालकुआं नगर पालिका को राष्ट्रपति द्वारा विशेष सम्मान मिलना। यह सम्मान स्थानीय प्रशासन और जनता के साझा प्रयासों की सराहना है।
देहरादून को झटका, 62वें स्थान पर फिसला
राजधानी देहरादून, जो पहले टॉप 50 में अपनी जगह बनाता रहा है, इस बार 62वें स्थान पर खिसक गया। ये परिणाम नगर निगम के लिए एक चेतावनी हैं कि सफाई व्यवस्था में सुधार की ज़रूरत है।
राज्य के अन्य शहरों का प्रदर्शन:
शहर | रैंकिंग | स्थिति |
---|---|---|
हरबर्टपुर | 53 (तीन पायदान नीचे) | खुले में शौच से मुक्त नहीं, स्टार रेटिंग नहीं |
हरिद्वार | 363 | पिछड़ी स्थिति |
अल्मोड़ा | 907 | बेहद खराब प्रदर्शन |
हल्द्वानी | 291 | औसत रैंकिंग |
कोटद्वार | 232 | स्थिति में सुधार की जरूरत |
पिथौरागढ़ | 177 | मध्य स्तर |
खास बातें:
- हरबर्टपुर नगर पालिका को खुले में शौच से मुक्त शहर की श्रेणी में अब तक शामिल नहीं किया जा सका है।
- कूड़ा मुक्त शहरों में भी किसी शहर को स्टार रेटिंग नहीं मिल पाई है।
- ग्रामीण और नगर क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था के बीच का अंतर अब और स्पष्ट हो गया है।
आगे की राह:
विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के लिए यह समय आत्मविश्लेषण का है। अब ज़रूरत है:
- सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने की
- कचरा प्रबंधन प्रणाली को अपग्रेड करने की
- खुले में शौचमुक्त प्रमाणन के लिए ठोस प्रयासों की
निष्कर्ष:
लालकुआं की सफलता एक उदाहरण है कि यदि इच्छाशक्ति और समुदाय का सहयोग मिले तो स्वच्छता की दिशा में बदलाव लाया जा सकता है। अब उत्तराखंड के बाकी शहरों को इस दिशा में कड़े कदम उठाने होंगे।